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Friday, May 5, 2023

देवर्षि नारद जयन्ती समारोह : "संवेदनशील पत्रकारिता की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका" विषयक संगोष्ठी एवं पत्रकारों का सम्मान

काशी। विश्व संवाद केन्द्र काशी द्वारा प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला देवर्षि नारद जयन्ती एवं पत्रकार सम्मान समारोह रविवार ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया, ( 07 मई 2023 ) को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी कृषि प्रेक्षागृह ( निकट श्रीकाशी विश्वनाथ मन्दिर) में अपराह्न 04 बजे आयोजित की गयी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी रहेंगे। वे पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले सात पत्रकारों समेत एक कर्मयोगी को सम्मानित करेंगे। इसके साथ ही डॉ. वैद्य "संवेदनशील पत्रकारिता की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका" विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित भी करेंगे। उक्त जानकारी विश्व संवाद केन्द्र काशी- न्यास के उपाध्यक्ष डॉ. हेमन्त गुप्त, सचिव प्रदीप कुमार चौरसिया एवं देवर्षि नारद जयन्ती समारोह के संयोजक सुरेश बहादुर सिंह एड. ने विश्व संवाद केन्द्र काशी कार्यालय पर शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता को संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हुए दी।

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि विश्व संवाद केन्द्र काशी द्वारा वर्ष 2003 से अब तक पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले अनेकों पत्रकारों को देवर्षि नारद सम्मान से सम्मानित किया जा चुका हैं। इस वर्ष सम्मान हेतु समारोह के पत्रकार चयन समिति द्वारा सम्बन्धित क्षेत्र से कुल आठ लोगों को चयनित किया जाएगा, जिसमें एक महिला पत्रकार, दो प्रिंट मीडिया के पत्रकार, दो इलेक्ट्रानिक चैनल के पत्रकार, एक स्तम्भकार, एक छायाकार एवं एक कर्मयोगी सम्मिलित होंगे। उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कृषि वैज्ञानिक प्रो. दिनेश चन्द्र राय एवं विश्व संवाद केन्द्र काशी- न्यास के अध्यक्ष प्रो. विशन किशोर ( निवर्तमान विभागाध्यक्ष, मैकेनिकल इंजिनियरिंग विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) रहेंगे।

वक्ताओं ने आगे कहा कि सभी पुराणों में महर्षि नारद एक मुख्य व अनिवार्य भूमिका में प्रस्तुत हैं। उन्हें देवर्षि की संज्ञा दी गयी है, परन्तु उनका कार्य देवताओं तक ही सीमित नहीं था। वह दानवों और मनुष्यों के भी मित्र, मार्गदर्शक, सलाहकार और आचार्य के रूप में उपस्थित हैं। पुराणों में नारद को भागवत संवाददाता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह भी सर्वमान्य हैं कि नारद की ही प्रेरणा से महर्षि बाल्मीकि ने रामायण जैसे महाकाव्य और व्यास ने भगवद्गीता जैसे सम्पूर्ण भक्तिकाव्य की रचना की थी। ऐसे नारद को कुछ लोग कलह प्रिय के रूप में भी प्रस्तुत करते हैं। जबकि देवर्षि नारद के कार्यों और विचारों का अध्ययन करने से सिद्ध होता है कि उन्होंने विवाद और संघर्ष को भी लोक कल्याण के रूप में प्रयोग किया है। देवर्षि नारद समकालीन महत्वपूर्ण देवताओं, मानवों व असुरों से सम्पर्क करते हैं और उनके प्रश्न, वक्तव्य एवं कटाक्ष सभी को सकारात्मक दिशा देते हैं। उनके प्रत्येक परामर्श और वक्तव्य में कहीं न कहीं लोकहित झलकता है। वर्तमान में देवर्षि नारद के अनुयायी के रूप में अनेक पत्रकार मित्र देवर्षि नारद की भूमिका का निर्वहन समाज में कर रहे हैं। समाज को पत्रकार मित्रों की भूमिका का बोध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी देवर्षि नारद जयन्ती कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

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