प्रयागराज। ज़िला मुख्यालय से 20किमी. दूर गौहनिया स्थित वात्सल्य परिसर में 20 दिवसीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'संघ शिक्षा वर्ग' प्रथम वर्ष (सामान्य) का मंगलवार को उद्घाटन करते हुए संघ के प्रांत प्रचारक रमेश जी ने कहा कि प्रशिक्षण वर्ग में कार्यकर्ता गढ़े जाते हैं। इसमें समाज, राष्ट्र के प्रति सर्वस्व समर्पण का भाव जगाया जाता है। यह व्यक्ति निर्माण की सबसे बड़ी कार्यशाला है|
उन्होंने कहा कि वर्ग में सामाजिक समरसता, सामूहिक नेतृत्व
तथा आचरण में सामूहिकता का भाव उत्पन्न किया जाता है। कार्यकर्ताओं से उन्होंने
आग्रह किया कि वे अनुशासन तथा समय पालन एवं सूचनाओं के पालन के प्रति पूरी तरह
जागरूक रहें क्योंकि वर्ग में इसी भाव को लेकर कार्यकर्ताओं का निर्माण किया जाता
है। अपने उद्बोधन में उन्होंने आगे कहा कि शाखाओं में स्वयंसेवकों का निर्माण होता
है जबकि वर्ग में कार्यकर्ता गढ़े जाते हैं। वास्तव में यह प्रशिक्षण स्वयंसेवक से कार्यकर्ता बनने का
एक महान उपक्रम है। इसमें स्वयंसेवकों का शारीरिक मानसिक तथा बौधिक विकास कर उनमें नेतृत्व क्षमता उत्पन्न की जाती है। यह
प्रशिक्षण कठोर साधना से ही फलीभूत होता है। वर्ग में राष्ट्र की समस्याओं का
समाधान निकालने का प्रशिक्षण दिया जाता है| यहां कार्यकर्ता में सामाजिक समरसता, सामूहिकता के साथ रहने तथा सबको साथ लेकर चलने का भाव
विकसित किया जाता है।
20दिवसीय इस
प्रशिक्षण वर्ग में प्रयागराज, प्रतापगढ़ तथा सुल्तानपुर विभाग के 225 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं। इस पूर्णकालिक प्रशिक्षण
वर्ग का समापन 13 जून को होगा| 40 वर्ष से कम उम्र के स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह
संघ का प्रतिवर्ष चलने वाला प्रशिक्षण है जिसमें स्वयंसेवक वर्ग में आकर पूरे 20 दिन प्रातः 5:00 से रात्रि 10:00 तक विभिन्न शारीरिक एवं बौद्धिक विषयों का प्रशिक्षण
प्राप्त कर अपने अपने कार्य क्षेत्र के लिए लौटते हैं।
प्रारंभ में प्रांत प्रचारक रमेश जी ने भारत माता की
प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर औपचारिक उद्घाटन किया।
मंच पर मा.प्रांत संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम, वर्ग
अधिकारी सीताराम केसरी जी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में सह प्रांत प्रचारक मुनीश
जी, वर्ग पालक प्रो. राजबिहारी,
वर्ग कार्यवाह घनश्याम जी, हरीश जी, प्रांत प्रचार प्रमुख डा. मुरार जी त्रिपाठी,
प्रो. सत्यपाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment