नई
दिल्ली. भारत ने युद्धग्रस्त इस्राइल से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के ऑपरेशन
अजय प्रारंभ किया है. ऑपरेशन अजय के तहत पहली उड़ान आज सुबह दिल्ली हवाई अड्डे
पहुंची.
इस उड़ान से 212 भारतीयों को स्वदेश लाया गया. केन्द्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने
इनकी अगवानी की. यह विमान तेल-अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे से कल शाम रवाना हुआ
था.
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस्राइल से वापस आने के इच्छुक
भारतीयों के लिए ऑपरेशन अजय शुरु किये जाने की घोषणा की थी. इस्राइल पर हमास के
हमले के बाद जारी लड़ाई को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था. इस बीच इस्राइल में
भारतीय दूतावास ने आज के लिए दूसरी उड़ान की घोषणा की है और इस बारे में ई-मेल भेज
दिया है.
भारत इससे पहले भी विभिन्न देशों में फंसे (रूस युक्रेन
युद्ध, सूडान संकट, अफगानिस्तान
संकट, कोरोना काल, व अन्य अवसरों पर)
हजारों भारतीय नागरिकों को सकुशल वापिस ला चुका है.
ऑपरेशन
गंगा
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों
की घर वापसी के लिए केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान चलाया था. इस दौरान बड़ी संख्या
में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भारत सुरक्षित भारत लाया गया था. पिछले
साल ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान चलाया गया था.
इस अभियान में यूक्रेन में फंसे करीब 22,500 से अधिक
नागरिकों को स्वदेश लाया गया था.
वंदे
भारत मिशन
कोरोना महामारी के दौर में जब पूरी दुनिया महामारी से
ग्रस्त थी. तब वंदे भारत मिशन चलाया गया था. इसके तहत केंद्र सरकार ने विदेशों में
फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चलाया. इस ऑपरेशन के तहत 30 अप्रैल, 2021 तक
लगभग 60 लाख से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया. केंद्र के
अनुसार, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानों से 18,79,968
भारतीयों ने वापसी की. वहीं, 36,92,216 लोगों
ने चार्टर्ड उड़ानों के माध्यम से वापसी की. वहीं 5,02,151 को
जमीनी सीमाओं के माध्यम से वापस लाया गया.
ऑपरेशन
समुद्र सेतु
कोरोना संकट के ही दौरान भारत ने ऑपरेशन गंगा की तरह
ऑपरेशन समुद्र सेतु चलाया था. इसमें भारतीयों को अपने देश में लाने के लिए नौसेना
ने उत्कृष्ट कार्य किया था. यह एक नौसैनिक अभियान था. इसके तहत 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते
वतन वापस लाया गया. भारतीय नौसेना के जहाज जलाश्व (लैंडिंग प्लेटफार्म डाक),
और ऐरावत, शार्दुल और मगर (लैंडिंग शिप टैंक)
ने ऑपरेशन में भाग लिया. यह अभियान करीब 55 दिनों तक चला. इसमें
समुद्र द्वारा 23,000 किमी से अधिक की यात्रा शामिल थी.
ऑपरेशन
राहत
यमन की सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच साल 2015 में संघर्ष छिड़ा था. सऊदी अरब द्वारा
घोषित नो-फ्लाई जोन होने के कारण हजारों भारतीय फंसे हुए थे और यमन हवाई मार्ग से
सुलभ नहीं था. ऑपरेशन राहत के तहत भारत ने यमन से लगभग 5,600 लोगों को निकाला.
ऑपरेशन
मैत्री
नेपाल में साल 2015
में भीषण भूकंप आया था. इस भूकंप के बाद नेपाल में फंसे भारतीयों को
वापस लाने के लिए ऑपरेशन मैत्री चलाया गया था. अभियान के तहत सेना-वायु सेना के
संयुक्त ऑपरेशन में नेपाल से वायु सेना और नागरिक विमानों की मदद से 5,000 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया. भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी के 170 विदेशी नागरिकों को सफलतापूर्वक निकाला था.
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