वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान आम जनता हो या सरकार सभी पर जबरदस्त आर्थिक प्रभाव पड़ा है. इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान का शंखनाद किया गया. इस अभियान को लोगों ने समझा और स्वीकार किया. आत्मनिर्भरता को अपना हथियार बनाकर जनता ने इस आपदा को अवसर में बदल दिया. अब देश में आत्मनिर्भरता का उदाहरण हर रोज देखने को मिल रहा है. इनमें से एक है काशी की राधिका. काशी के पिंडरा क्षेत्र की राधिका के परिवार पर जब आर्थिक संकट हावी होने लगा तो उन्होंने मास्क बनाने का काम शुरू किया और अब राधिका 600-800 रूपये तक प्रतिदिन कमा लेती हैं. राधिका ने अपने साथ अन्य महिलाओं को भी इस कार्य में जोड़ रखा है. महिला संगठन से जुड़कर कार्य कर रही राधिका के अनुसार कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क एवं सुरक्षा कवच का कार्य करेंगे. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा जिले में लगभग 10 लाख मास्क बनाये जा चुके है. संगठन की महिलाओं ने कपड़े के मास्क बनाने की मिली को जिम्मेदारी को आसानी से निभाया है. ये महिलाएं आमजन के लिए इन संगठन और केन्द्रों के माध्यम से कपड़े के मास्क उचित मूल्य पर दे रही हैं.
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