सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है. मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई की जा रही है. 40 फीट की गहराई तक हुई नींव की खुदाई के दौरान चरण पादुका सहित प्राचीन पाषाण खंड और कुछ खंडित मूर्तियों के अवशेष मिले हैं. इन अवशेषों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सुरक्षित रखवाया है. पुरातात्विक महत्व के इन अवशेषों की पुरातात्विक तरीके से वैज्ञानिक जांच कराई जाएगी.
इससे पहले भी भूमि के समतलीकरण कार्य के दौरान कई प्राचीन
अवशेष प्राप्त हो चुके हैं. प्राचीन नक्काशीदार शिलाएं मिली हैं. कुछ खंडित
मूर्तियां भी मिली हैं. प्राचीन मंदिर से संबंधित पत्थरों के अवशेष भी मिले हैं.
खुदाई के दौरान सीता रसोई से संबंधित पत्थर का सिलबट्टा भी प्राप्त हुआ है. इनके
अलावा मानस भवन की ओर खुदाई के दौरान अति प्राचीन भगवान श्री राम की चरण पादुका भी
मिली हैं. इन सभी अवशेषों को राम जन्मभूमि परिसर के संग्रहालय में ही संरक्षित कर
दिया गया है. श्रीराम मंदिर निर्माण के पश्चात मंदिर परिसर में ही म्यूजियम बनाकर
इन प्राचीन धरोहरों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा. श्रद्धालु रामलला
के दर्शन के बाद इन प्राचीन धार्मिक अवशेषों का दर्शन कर सकेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंजीनियर फिल्ड मटेरियल के लिए
अल्ट्रा टेक सीमेंट की आपूर्ति लेने पर एलएंडटी सहित टीईसी के विशेषज्ञों ने मुहर
लगा दी है. विशेषज्ञों की सहमति के बाद आवश्यकता के अनुसार निर्धारित मात्रा में
सीमेंट की आपूर्ति सीधे कंपनी से ही लिए जाने का निर्णय हो चुका है. इसी फ्लाई एश
यानि कोयले की राख को ऊंचाहार थर्मल पावर से मंगवाने का भी निर्णय हो गया है.
फिलहाल परीक्षण के लिए ऊंचाहार से फ्लाई एश के दो ट्रक जरूर मंगवा लिए गये हैं. यह
ट्रक भी परिसर में पहुंच गए हैं. इसके अलावा छतरपुर, म.प्र.
एवं कबरही बांदा, उत्तरप्रदेश
से बीएसआई मार्का गिट्टी व स्टोन डस्ट को भी मंगवाया गया है.
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