कोरोना संकट में भारत ने अपने पड़ोसी
देशों के साथ ही विश्व के अन्य देशों की सहायता की. अब कोरोना वैक्सीन बनने के बाद
भारत वैश्विक दायित्व की पूर्ति कर रहा है. भारत अकेला ऐसा देश है, जिसने
विश्व के दर्जनों देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाई है.
पाकिस्तान एकमात्र SAARC देश
है, जिसने
भारत से कोरोना वैक्सीन की मांग नहीं की. लेकिन, अब पाकिस्तान
को भी अंतरराष्ट्रीय एलायंस GAVI के तहत भारत
में निर्मित कोरोना वैक्सीन की 45 मिलियन डोज़
निःशुल्क मिलने वाली हैं, GAVI भारत से प्राप्त वैक्सीन के माध्यम से
गरीब देशों में टीकाकरण बढ़ाने के लिए काम करता है.
वैक्सीन ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड
इम्यूनाइजेशन (गावी) के तहत पाकिस्तान को मिलेगी. पाकिस्तान ने सितंबर 2020 में
गावी के साथ समझौता किया था. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित
कोविशील्ड की कुछ खुराक मार्च के अंत तक पाकिस्तान को पहुंचा दी जाएगी. वहीं, पूरी 45 मिलियन
खुराक पाकिस्तान को जून तक मिल जाएगी. कोरोना वैक्सीन खरीदने में असमर्थ पाकिस्तान
को इन कोरोना वैक्सीन से बड़ी राहत मिलेगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैक्सीन की
सहायता से पाकिस्तान अपनी 4.5 करोड़ आबादी के लिए टीकाकरण शुरू करेगा. पाकिस्तान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने बताया कि पाकिस्तान को भारत
में बनी कोरोना वैक्सीन की खुराक इस महीने मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय और
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अधिकारियों ने पीएसी को बताया कि पाकिस्तान का
टीकाकरण कार्यक्रम मुख्य तौर पर गावी के जरिये मिलने वाली मुफ्त वैक्सीन पर निर्भर
है. क्योंकि चीन निर्मित वैक्सीन कैनसिनो
की कीमत पाकिस्तानी मुद्रा में प्रति व्यक्ति करीब दो हजार रुपये (13 डॉलर)
पड़ेगी. रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान ने अभी तक चार टीकों, सिनोफ्राम
(चीन), ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन), स्पूतनिक-वी
(रूस) और कैनसिनो बायो (चीन) का पंजीकरण किया है.
भारत लगातार अलग-अलग देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका की प्रशंसा हो रही है. संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ने भारत के इस कदम की प्रशंसा कर चुके हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जितनी भी डींगें हांकते रहें, लेकिन पाकिस्तान की खस्ता हालत की जानकारी सभी को है. सहायता के लिए दर-दर हाथ फैलाता है, पर भारत से सहयोग लेने में कतराता है…
स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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