राजस्थान में लव जिहाद के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. राजस्थान में धोखे से या प्रेमजाल में फंसाकर विवाह और फिर धर्मपरिवर्तन (लव जिहाद) की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कानून न होने के कारण पुलिस भी इन मामलों को प्रमुखता से नहीं लेती है.
चूरू में लव जिहाद का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि उससे पहले
टोंक से लव जिहाद का मामला सामने आया है.
मामला 25 फरवरी का
है. टोंक जिले के बाड़ा जेरिकला का रहने वाले आमिर मेवाती ने संडीला की रहने वाली
हिन्दू लड़की को अपने प्रेम जाल में फंसाया. लड़की के पिता किसान हैं. लड़की B.Sc की छात्रा है. पढ़ाई में अच्छी होने के
कारण पिता ने पढ़ाई के लिए टोंक भेजा था. लड़की पढ़ाई में होनहार है, जिसके चलते राज्य सरकार के गार्गी पुरस्कार की विजेता भी रही
है.
आमिर मेवाती पर धारा 307 के तहत
मुकदमे के साथ ही कई अन्य मामले दर्ज हैं. लड़की को टोंक से जयपुर अपने दोस्त इकबाल
के यहां लेकर गया, वहां से
उदयपुर, कोटा, जयपुर
लेकर गया. 15 मार्च को लड़की आरोपी की चंगुल
से निकलकर मेहंदवास थाने पहुंची.
इसी तरह का मामला चूरू में भी सामने आया था. हिन्दू संगठनों
के दबाव के बाद पुलिस ने दोनों को मुंबई से पकड़ा और चूरू लेकर आई, फिलहाल लड़की को बीकानेर नारी निकेतन में भेजा गया है.
लव जिहाद की घटनाओं पर लगाम की जरुरत
दरअसल, धोखे से
अथवा छद्म हिन्दू नाम रखकर प्रेम जाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाओं (लव
जिहाद) को रोकने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता है. मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में
जबरन धर्म परिवर्तन (लव जिहाद) के खिलाफ कानून बनने के बाद राजस्थान में इसकी मांग
उठ रही है. लेकिन कांग्रेस की गहलोत सरकार इस तरह का कानून लाने के पक्ष में नहीं
है.
स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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