मुंबई
में कल्याण के पास मलंगगढ़ पर नाथ संप्रदाय के बाबा मच्छिंद्रनाथ की समाधी है.
होली के दिन मच्छिंद्रनाथ जी के समाधी स्थल पर होली के दिन कट्टरपंथियों ने नारे
लगाए और लोगों को आरती करने से रोका. घटना के बाद मामले में हिललाईन पुलिस थाने
में कट्टरपंथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. मलंगगढ़ में हिन्दुओं के ही श्रद्धास्थान पर जोर जबरदस्ती करने का वीडियो
भी सोशळ मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कभी शिवसेना ने ठाणे जिले की राजनीति में अपना अस्तित्व बनाने
के लिए यह उपक्रम (समाधी स्थल पर आरती) अनेक वर्ष चलाया. शिवसेना के तत्कालीन ठाणे
जिला प्रमुख प्रमुख आनंद दिघे के नेतृत्व में आयोजित की जाने वाली यह यात्रा अनेक
वर्षों तक शिवसेना के मुख्य वार्षिक कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम था. दिघे के नेतृत्व में शिवसैनिक वहां पहुंचते और पूजा करते.
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने भी पूजा में
भाग लिया था और घोषणा की थी कि मलंगगढ़ को
धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. और आज शिवसेना का मुख्यमंत्री (और वह
भी उद्धव ठाकरे) व सरकार होते हुए यह स्थिति देख सभी को आश्चर्य होता है.
जानकारी के अनुसार, 28 मार्च को
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मलंगगढ़ में बाबा मच्छिंद्रनाथ की
आरती कर रहे थे. उसी समय कुछ कट्टरपंथी वहां पर आए और ‘अल्ला हू अकबर’ के नारे
लगाने लगे. हिन्दू बांधवों के साथ मारपीट करते हुए आरती करने से मना करने लगे.
इस मामले में मुन्ना शेख, जाकीर
शेख, मोहम्मद शेख, गुड्डु
शेख, तौक्कीर शेख, हुसैन
अन्सारी, सरफराज शेख सहित 20 लोगों पर कोरोना नियमों का उल्लंघन करने, कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने के तहत मामला दर्ज किया
गया है. लिये गुनाह दाखल किया गया है. बजरंग दल एवं विहिप कार्यकर्ताओं पर भी इसी
के तहत मामला दर्ज किया गया है.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने घटना को लेकर ट्वीट
किया. उन्होंने लिखा – मलंगगढ़
में होने वाली स्वामी मच्छिंद्रनाथ की आरती बंद कराने की हिम्मत कट्टरपंथी इसलिए
जुटा पाते हैं, क्योंकि राज्य में @OfficeofUT की सरकार सत्तासीन है, जिसकी रीढ़ की हड्डी गायब है. इटालियन मातोश्री के तलवे चाटते
चाटते “जनाबसेना” का
हिंदुत्व “फिरौती” के ज्वार
में बह गया है.
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