- क्लीन
मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित "महानायक शारदा सम्मान समारोह-2021"
- लॉकडाउन
के दौरान हजारों गरीब लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए डॉ
कमलाकर समेत अन्य समाजसेवी जनों को किया गया सम्मानित
काशी। क्लीन मीडिया फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित महानायक शारदा सम्मान समारोह 2021 का आयोजन शुक्रवार को एक निजी होटल में किया गया। इस कार्यक्रम में प्रख्यात फोटो पत्रकार पद्मश्री रघु राय के साथ पत्रकारिता समेत समाज के अन्य क्षेत्रों में भी विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन उपस्थित होकर संबोधित किया।
इस दौरान प्रख्यात छायाकार रघु राय ने अपना
अनुभव व्यक्त करते हुए कहा कि फोटोग्राफी एक ऐसी विधा है
जिसमें बिना कुछ कहे, बिना
कुछ लिखे व्यक्ति की आंखों और चेहरे का भाव ही सब कुछ कह देता है। पत्रकारिता के
बारे में कहा गया है कि यह इतिहास की पहली ड्राफ्ट है तो मैं दावे से कह सकता हूं
कि फोटो इतिहास का पहला साक्ष्य। यह भी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इतिहास का
पुनर्लेखन तो हो सकता है किन्तु फोटोग्राफ दोबारा नहीं बदला जा सकता। उन्होंने
कहा कि फोटोग्राफी मेरा व्यवसाय नहीं, धर्म
है। धर्म वह है जो हृदय में करुणा और दया का संचार करता है। बने-बनाए नियमों को
मानना धर्म नहीं, सामाजिक
बंधन हैं। धर्म का उद्देश्य है सत्य को जानना अर्थात् सत्य का उद्घाटन कहां से
होता है। मैं अपने कैमरे से यही तो करता हूं। यह सत्य मुझे आम आदमी में, प्रकृति
में कहीं भी उद्भाषित होता मिल सकता है। जरूरी नहीं कि मंदिरों में ही मिले। कहा
कि अपना हिंदू धर्म तो इतना विशाल है कि उसकी मान्यताओं के अनुसार ही फोटोग्राफी
करें तो पूरे विश्व को सत्य, धर्म, अहिंसा, करुणा
का संदेश दिया जा सकता है।
मुख्य अतिथि के रूप में अपना संबोधन देते हुए
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पत्रकारिता निष्पक्ष एवं जन जीवन के हित में
होनी चाहिए। इसे लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ कहा गया
है, पत्रकार समाज के सजग प्रहरी हैं। जिस तरह स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारिता ने प्रमुख भूमिका निभाई,
उसी तरह आज के दौर में जनता से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाना
ही इसका मुख्य से होना चाहिए।
कार्यक्रम
में उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रामाशीष जी ने अपना विचार
व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान में मीडिया को कोई स्तंभ नहीं माना गया है।मीडिया
को चौथा स्तंभ समाज ने माना है। इसलिए मीडिया को न सरकार
के प्रति न ही किसी व्यक्ति विशेष के प्रति समर्पित होना चाहिए बल्कि मीडिया को केवल समाज के प्रति समर्पित होना चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित
पद्मश्री बलबीर दत्त ने कहा गंगा की स्वच्छता की तरह ही मीडिया की स्वच्छता भी
आवश्यक है।
कार्यक्रम
में लॉकडाउन के दौरान हजारों गरीब लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराकर
समाज सेवा करने के लिए और वर्षों से निःशुल्क
संस्कृत विद्यालय का संचालन करने के लिए चिकित्सक डॉ कमलाकर त्रिपाठी समेत पत्रकार
कविता पन्त, सामाजिक कार्यकर्ता श्रीकला अनिल किंजिद्वेकर, प्रो.
अमर बहादुर सिंह, मुसाफिर एवं अन्य लोगों को अपनी प्रतिभाओं से
समाज में विशिष्ट योगदान देने के लिए "महानायक शारदा सम्मान-2021" से सम्मानित
किया गया।
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