जयपुर.
देश में मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति लंबे समय से चली आ रही है और कांग्रेस का इसमें
विशेष योगदान है. कांग्रेस के देखादेखी अन्य दलों ने भी सत्ता के लिए इस नीति का
सहारा लिया. राजस्थान में वर्तमान कांग्रेस सरकार भी इससे अछूती नहीं है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से ही राजस्थान में
गोतस्करी, लव जिहाद और जिहादी दंगों में बढ़ोतरी हुई है. दंगों में
हिन्दू समाज और उनकी सम्पत्तियों को योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाया जाता है.
छबड़ा की घटना भी तुष्टिकरण का परिणाम है. यदि पुलिस प्रशासन समय पर सचेत हो जाता
तो हिन्दू समाज की दर्जनों दुकानें जिहादी लुटेरों से बचाई जा सकती थीं.
ऐसे उपजा
उपद्रव –
बारां
जिले का छबड़ा कस्बा प्रदेश में तापीय बिजली उत्पादन इकाईयों के लिए प्रसिद्ध है.
कस्बे में लगभग 25 प्रतिशत
मुस्लिम आबादी है, जबकि शेष
हिन्दू समाज है. कस्बे के धरनावदा चौराहे पर फलों के ठेले से अहमदपुरा निवासी कमल
सिंह फल खरीद रहे थे. इसी दौरान मोटरसाइकिल टकराने की बात को लेकर तीन युवकों – फरीद, आबिद और
समीर से उनकी कहासुनी हो गई. इसके बाद मुस्लिम युवकों ने कमलसिंह पर चाकुओं से
ताबड़तोड़ हमला कर दिया. बीच बचाव में आए एक अन्य युवक राकेश नागर पर भी युवकों ने
हमला किया. इस मामले में मुस्लिम युवकों के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज करवाया गया
है. लेकिन पुलिस ने आरोपी युवकों को गिरफ्तार न कर राजनीतिक दबाव में अन्य तीन
युवकों को थाने में बिठा लिया, जबकि
हिन्दू समाज के लोग मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे.
दूसरी ओर
जिहादी भीड़ हिन्दुओं की दुकानों को निशाना
बनाने की योजना पर काम कर रहे थे. हमले के लिए कस्बे के अलीगंज बाजार को चुना गया.
जहां अधिकांश दुकानें हिन्दुओं की हैं, लेकिन यह
क्षेत्र मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र से लगा है. रविवार को अलीगंज बाजार सामान्य
दिनों की तरह खुला तो था, लेकिन
खामोशी कुछ संकेत कर रही थी. मुस्लिमों की दुकानें बंद थीं और फलों के ठेले भी
नदारद थे. दोपहर करीब एक बजे मुस्लिमों की भीड़ ने हाथों में तलवार, डंडे, सरिये
आदि लेकर बाजार में प्रवेश किया. लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही विध्वंस शुरू हो
गया. दुकानें लूटी गईं. लूट के बाद दुकानों को आग लगा दी गई. दर्जनों दुकानें जलकर
राख हो गईं. दुकानदारों का रो-रोककर बुरा हाल है. लाखों की सम्पत्ति लुटेरे लूट ले
गए. जो बची थी, उसमें आग लगा दी गई. तनाव के बीच पुलिस
प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है. आरोप है कि बेकाबू मुस्लिमों का
समूह जब क्षेत्र में तबाही मचा रहा था, पुलिस ने
उसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया. लुटेरों को जो रास्ते में दिखा, उसे ही आग के हवाले किया. बाइक, बस, कार जो दिखी उसमें आग लगा दी.
छबड़ा
में हिंदुओं की दुकानों में आग लगाई
कस्बे के
अलीगंज बाजार में संदीप लुहाड़िया का तीन मंजिला रिद्धि-सिद्धि मिनी मार्ट है.
मार्ट में किराना, कपड़े, फर्नीचर, कॉस्मेटिक, खिलौने, इलेक्ट्रिक
आइटम्स, स्टेशनरी, प्लास्टिक
आइटम्स, डेयरी प्रोडक्ट सहित कई आइटम्स बेचे जाते हैं. लुहाडि़या कहते
हैं – “रोज की तरह रविवार सुबह भी मार्ट खोला था. दोपहर डेढ़ बजे
माहौल खराब होने की सूचना पर मार्ट बंद किया. घर पहुंचते ही फोन आने शुरू हो गए.
उपद्रवियों ने मार्ट में आग लगा दी. वापस लौटकर देखा तो मार्ट में आग की लपटें उठ
रही थीं. सैकड़ों उपद्रवी हाथों में हथियार लिए खड़े थे. अग्निशमन विभाग में फोन
किया, लेकिन दमकल नहीं पहुंची.” आगजनी
में सब कुछ जल गया. आग लगने से लगभग 30 से 40 लाख का नुकसान हो गया.
मोबाइल
शॉप को भी बनाया निशाना
आजाद
सर्किल पर अरुण गर्ग की मोबाइल की शॉप है. दुकान में 500 से लेकर 50 हजार
कीमत के 600-700 मोबाइल थे. लुटेरों ने दुकान का शटर तोड़कर जमकर लूटपाट की.
गर्ग कहते हैं – “हिम्मत करके मौके पर पहुंचा, लेकिन 100 से 200 मीटर की दूरी पर खड़ा-खड़ा देखता रहा. कुछ नहीं कर सका.
उपद्रवियों के हाथों में हथियार थे. 15 से 20 मिनट में सारा खेल खत्म हो गया.” अब दुकान में खाली डिब्बे पड़े हैं, 20 से 30 टूटे
मोबाइल हैं. उपद्रवी दुकान का शटर भी तोड़कर साथ ले गए. लगभग 25 से 35 लाख का
नुकसान हुआ है.
हिन्दू
जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप भानू शेखावत आरोप लगाते हैं – “छबड़ा की घटना पूर्व नियोजित थी. इसकी सूचना इंटेलिजेंस को भी
थी. जब जिहादी भीड़ हिन्दुओं की दुकानें लूट रही थी, आगजनी कर
रही थी, तब फोन करने पर भी ना तो पुलिस आई और ना ही अग्निशमन वाहन
पहुंचे. राजस्थान में जब से कांग्रेस का शासन आया है, मुस्लिम तुष्टिकरण चरम पर है. गो तस्करी, लव जिहाद, जिहादी
दंगे, अवैध मस्जिद निर्माण और हिन्दू मंदिरों की भूमि पर अवैध
कब्जों की घटनाएं बढ़ी हैं. छबड़ा की घटना ने समस्त हिन्दू समाज को हिला कर रख
दिया है. हिन्दू जागरण मंच पूरे प्रदेश में इस घटना का लोकतांत्रिक तरीके से मुखर
विरोध करेगा.
भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया कहते हैं – “ना केवल
छबड़ा में बल्कि पूरे प्रदेश में बहुसंख्यक हिन्दू आबादी सुरक्षित नहीं है, डर के माहौल में जी रही है. भाजपा का प्रतिनिधि मण्डल छबड़ा
पीड़ितों से मुलाकात करने पहुंचा तो पुलिस प्रशासन ने पीड़ितों से मुलाकात नहीं
करने दी. राज्य सरकार से मांग है कि छबड़ा में उपद्रवियों द्वारा जिन शोरूम और
दुकानों को आग के हवाले किया गया है, उनके
नुकसान की भरपाई आर्थिक मुआवजा देकर की जाए, हमला
करने वाले एवं आग लगाने वाले उपद्रवियों की अविलम्ब गिरफ्तारी हो और राज्य सरकार
हिन्दुओं की सुरक्षा करे.”
स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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