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Wednesday, September 22, 2021

अलवर में मॉब लिंचिंग – रशीद और साजेत पठान ने योगेश को पीट पीटकर मार डाला

अलवर. मेवात क्षेत्र में मुसलमानों की दबंगई लगातार बढ़ती जा रही है. घर में घुसकर महिलाओं से दुर्व्यवहार हो या सड़क चलते राहगीर की पिटाई, कोई बड़ी बात नहीं. पिछले दिनों अलवर के एमआईए थाना क्षेत्र के एक गांव में मुकीम खान ने घर में घुसकर एक महिला के साथ दुराचार किया था और अब ताजा घटनाक्रम में रशीद, साजेत पठान और 4 अन्य लोगों ने राह चलते 17 वर्षीय योगेश को इतना पीटा कि वह कोमा में चला गया तथा तीन दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई. घटना बड़ौदा मेव के मीना का बास की है.

ग्रामीणों ने बताया कि 15 सितम्बर को भटपुरा निवासी योगेश पुत्र ओमप्रकाश बाइक से गांव की तरफ जा रहा था. मीना का बास के पास एक गड्ढे को बचाते समय उसकी बाइक एक मुस्लिम महिला से टकरा गई. इसके बाद भीड़ ने रास्ता रोक लिया और उसकी जमकर पिटाई की. भीड़ ने इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसके कान से खून आने लगा, गहरी चोटें आईं और वह कोमा में चला गया, तीन दिन बाद 18 सितम्बर को अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पुलिस ने 19 सितम्बर को पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया.

योगेश के पिता ने रशीद पुत्र नामालूम, साजेत पठान, मुबीना पत्नी नामालूम तथा अन्य चार लोगों पर नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है.

रविवार को आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने शव को अलवर-भरतपुर मार्ग पर रखकर प्रदर्शन किया और आरोपियों को गिरफ्तार करने व परिवार के भरण पोषण के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की.

15 सितंबर को युवक की बेरहमी से पिटाई की थी

गांव वालों ने बताया कि घटना 15 सितम्बर की है. युवक का जयपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा था. पुलिस को दी शिकायत में मृतक युवक के पिता ने बताया कि उसे रशीद, साजेत पठान, मुबीना, और अन्य 4 लोगों ने घेर लिया था और कहा कि तूने हमारी लड़की को टक्कर मारी है. इसके बाद लाठी और डंडों से बुरी तरह पिटाई की. इस दौरान युवक के कान में खून आने लग गया था और कई जगह चोटें आई थीं. पहले उसे अलवर के प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया गया. वहां से जयपुर रेफर कर दिया गया था. जयपुर एसएमएस में 18 सितम्बर को उसकी मौत हो गई.

रविवार को मृतक युवक के परिवार वालों ने बड़ौदामेव में अलवर-भरतपुर रोड पर दोपहर लगभग 3 बजे से शाम 6 बजे तक शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रशासन के समझाने के बाद आंदोलन खत्म किया और शव का अंतिम संस्कार किया गया. आक्रोशित गांव वालों ने प्रशासन को साफ तौर पर कहा कि आरोपियों को पुलिस तुरंत गिरफ्तार करे और जेल में डाले.

पुलिस ने पहले से दर्ज मारपीट के मामले में हत्या की धारा 302 और SC-ST एक्ट की धाराएं जोड़ दी हैं. पुलिस ने कहा कि जल्द से जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

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