पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचारों का क्रम निरंतर जारी है. ताजा मामले में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक मस्जिद से पीने का पानी लेने के कारण एक गरीब हिन्दू किसान परिवार परेशानी में आ गया. धार्मिक स्थल की ”पवित्रता का उल्लंघन” करने का आरोप लगाकर परिवार को प्रताड़ित किया और बंधक बना लिया.
‘डॉन’ में प्रकाशित समाचार के अनुसार पंजाब के रहीमयार खान शहर के रहने वाले आलम
राम भील अपनी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक खेत में कपास उठाने का काम
कर रहे थे. भील ने कहा कि जब परिवार एक नल से पानी लेने के लिए पास की एक मस्जिद
के बाहर गया तो कुछ स्थानीय जमींदारों ने उन्हें पीटा. जब परिवार कपास का काम कर
घर लौट रहा था तो जमींदारों ने उन्हें उनके डेरा में बंधक बना लिया और मस्जिद की ”पवित्रता का उल्लंघन” करने के लिए उन्हें प्रताड़ित
किया.
भील ने कहा कि पुलिस ने
मामला दर्ज नहीं किया क्योंकि हमलावर, प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई)
पार्टी के एक स्थानीय सांसद से जुड़े हैं. पुलिस की निष्क्रियता का विरोध करते हुए
भील ने समुदाय के सदस्य पीटर जॉन भील के साथ थाने के बाहर धरना दिया. जिला शांति
समिति के सदस्य पीटर ने कहा कि उन्होंने सत्तारूढ़ पीटीआई के विधायक जावेद वारियाच
से संपर्क किया, जिन्होंने शुक्रवार को मामला दर्ज कराने में
उनकी मदद की.
समाचार के अनुसार, पीटर ने जिला शांति समिति के अन्य
सदस्यों से इस मुद्दे पर एक आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया. लेकिन उन्होंने
मामले को गंभीरता से नहीं लिया. पीटीआई के दक्षिण पंजाब अल्पसंख्यक विंग के
महासचिव युधिष्ठिर चौहान ने कहा कि घटना उनके संज्ञान में आई है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद के प्रभाव के कारण उन्होंने हस्तक्षेप
नहीं किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के
अनुसार, जिला पुलिस अधिकारी असद सरफराज ने कहा कि
वह मामले पर गौर कर रहे हैं. उपायुक्त डॉ. खुर्रम शहजाद ने कहा कि वह कोई भी
कार्रवाई करने से पहले सोमवार को हिन्दू समुदाय के बुजुर्गों से मिलेंगे.
शांति समिति के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने दावा किया कि यह पूरी तरह से काम कर रही है. एक वरिष्ठ वकील और पूर्व जिला बार अध्यक्ष फारूक रिंद ने कहा कि समुदाय के ज्यादातर सदस्य खेत में काम करने वाले और बेहद गरीब लोग हैं. आरोपी जमींदार छोटे-मोटे मुद्दों पर अन्य ग्रामीणों के साथ लड़ाई करने के लिए कुख्यात हैं. वकील ने शिकायतकर्ता परिवार को मुफ्त कानूनी सहायता का वादा किया.
स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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