नई
दिल्ली. गृह मंत्रालय ने कुछ गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ साक्ष्य मिलने के पश्चात
उनके विदेशी फंडिंग लाइसेंस को निलंबित कर दिया है. पिछले डेढ़ माह में छह संगठनों
के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, इनमें
ईसाई मिशनरी और इस्लामिक संगठन शामिल हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन संगठनों के विरुद्ध विदेशों से मिल रही आर्थिक फंडिंग की
सहायता से धर्मांतरण कराने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में धन के दुरुपयोग के
साक्ष्य मिले हैं.
विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के उल्लंघन के आधार पर की गई कार्यवाही के बाद इन संगठनों को
विदेशों से मिल रही अपार धनराशि पर रोक लगाई जा सकेगी. इन छह संगठनों के निलंबन के
बाद इस वर्ष अब तक जिन संगठनों का एफसीआरए पंजीकरण निलंबित किया गया है, उनकी कुल संख्या नौ हो गई है.
गृह मंत्रालय इन सभी गैर सरकारी संगठनों पर बीते कुछ दिनों से
बारीक नजर बनाए हुए था. संगठनों में सुन्नी नेता शेख अबूबकर अहमद से जुड़े केरल के
एक गैर सरकारी संगठन, ‘मरकज़ुल
इघासथिल कैरियाथिल हिंदिया’ का
एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किया गया है.
इस संगठन के विरुद्ध 2019-20 में
वार्षिक एफसीआरए रिटर्न के दौरान तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत करने के पुख्ता
साक्ष्य हैं. इस गैर सरकारी संगठन को केवल 2019-20 वित्तीय
वर्ष में ही 146 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी.
इससे पहले 8 जून, 2021 को कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सी.एच.आर.आई) का
एफसीआरए पंजीकरण निलंबित कर दिया गया था. सी.एच.आर.आई संस्था के एक सदस्य मदन
लोकुर भी हैं. इस गैर सरकारी संगठन के तार द वायर के फाउंडिंग एडिटर सिद्धार्थ
वरदराजन से भी जुड़े हैं.
इसके अलावा 8 अप्रैल, 2021 को बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज का भी एफसीआरए
पंजीकरण निलंबित कर दिया गया था.
आध्र प्रदेश के बाहरी क्षेत्रों में सक्रिय एक अन्य ईसाई
मिशनरी एनजीओ होली स्पिरिट मिनिस्ट्रीज की विदेशी फंडिंग पर रोक लगाई गई है. होली
स्पिरिट मिनिस्ट्रीज के विरुद्ध विदेशी सहायता के बलबूते धर्मांतरण को बढ़ावा देने
के मामले में एजेंसियां नज़र बनाए हुए थीं.
इसी तरह देश में धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही ओडिशा स्थित ‘पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ एम्पॉवरमेंट ऑफ ट्राइबल एंड हेवनली
ग्रेस मिनिस्ट्रीज’ और मदुरई
की ‘रुश फाउंडेशन’ को
निलंबन का सामना करना पड़ा था.
दोनों ही गैर सरकारी संगठनों पर पिछड़े इलाकों में लोगों को
ईसाई मत में परिवर्तन करने के आरोप लगते रहे हैं. इसके अलावा लखनऊ की अल हस
एजुकेशन एंड वेल्फेयर ऑर्गेनाइजेशन का निलंबन और फिर हरियाणा के मेवात ट्रस्ट
एजुकेशनल वेल्फेयर का भी पंजीकरण 180 दिन के
लिए सस्पेंड हुआ था.
गृह मंत्रालय द्वारा की जा रही इन सभी निलंबन की कार्रवाईयों
को देश में विदेशी फंडिंग के सहायता से बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे धर्मांतरण के
नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
एफसीआरए पंजीकरण का निलंबन एक गैर सरकारी संगठन या संघ को
विदेशी योगदान प्राप्त करने से वंचित कर देता है, जब तक कि
मंत्रालय की पूर्व अनुमति न हो. एनजीओ के एफसीआरए बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए जाते
हैं, जिससे संगठन को उनमें जमा धन का उपयोग करने से रोका जा सके.
गृह मंत्रालय इस विषय को लेकर गंभीरता दिखा रहा है, लेकिन अभी भी विदेशी फंडिंग की सहायता से चलने वाले धर्मांतरण
के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए बहुत कुछ किया जाना शेष है.
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