15 जनवरी से 27 फ़रवरी तक चलेगा श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान
नई दिल्ली. अयोध्या में
श्री राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देश भर के प्रत्येक राम भक्त का
सहयोग लिया जाएगा. इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता पूज्य संतों व शेष
समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निधि समर्पण अभियान की घोषणा करते हुए विश्व
हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष एवं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत
राय जी ने कहा कि आगामी मकर संक्रांति (15 जनवरी) से माघ-पूर्णिमा (27 फ़रवरी) तक चलने वाले इस अभियान में विहिप कार्यकर्ता देश के चार लाख
गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर श्री राम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व
का प्रसार करेंगे. देश की हर जाति, मत, पंथ, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा के लोगों के सहयोग के साथ राम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्र
मंदिर का रूप लेगा. असंख्य रामभक्तों के संघर्ष व बलिदान को नमन् करते हुए
उन्होंने प्रत्येक राम भक्त से राम काज के लिए बढ़-चढ़कर आगे आने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें सिर्फ निधि-दानी ही नहीं अपितु, समय-दानी भी चाहिए.
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की
जन्मभूमि को पुन: प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज ने पांच
सदियों तक संघर्ष किया. अंततः समाज की भावनाओं तथा मंदिर से जुड़ी इतिहास की
सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर भारत सरकार को एक न्यास बनाने का
निर्देश दिया. सरकार ने “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” के नाम से न्यास की घोषणा की. प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त को अयोध्या में पूजन करके मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को
गति प्रदान की.
उन्होंने कहा कि मंदिर के निर्माण की तैयारी चल रही है. मुंबई, दिल्ली, चैन्नई तथा गुवाहाटी के आईआईटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो तथा टाटा के
विशेषज्ञ इंजीनियर मंदिर की मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं. बहुत
शीघ्र नींव का प्रारूप सामने आ जाएगा. संपूर्ण मंदिर पत्थरों का है. प्रत्येक
मंज़िल की ऊंचाई 20 फ़ीट, लंबाई 360 फ़ीट तथा चौड़ाई 235 फ़ीट है.
चंपत राय ने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास की
सच्चाइयों से अवगत कराने की योजना बनी है. देश की कम से कम आधी जनसंख्या को घर-घर
जाकर श्री राम जन्मभूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा. कश्मीर से
कन्याकुमारी तथा अटक से कटक तक देश का कोई कोना नहीं छोड़ेंगे. अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान, निकोबार तथा कच्छ के रण से
पर्वतीय क्षेत्रों तक सम्पूर्ण भारत में विहिप कार्यकर्ता पहुंच कर राम मंदिर का
साहित्य देंगे तथा उनका सहयोग लेंगे. लोगों की प्रबल इच्छा है कि भगवान की
जन्मभूमि पर मंदिर शीघ्र बने.
उन्होंने कहा कि इस जन-संपर्क अभियान में लाखों कार्यकर्ता जुटेंगे
तथा समाज स्वेच्छा से सहयोग करेगा क्योंकि काम भगवान का है व मन्दिर भी राम का है.
भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता. आर्थिक विषय में पारदर्शिता बनाए रखने
के लिए न्यास ने 10, 100 तथा 1000 रुपये के कूपन व रसीदें छापी हैं. समाज जैसा देगा उसी के अनुरूप
कार्यकर्ता कूपन या रसीद देंगे. करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी
पहुंचाएंगे.
श्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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