गत
सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मथुरा कार्यालय के सामने से निर्माण सामग्री
चुराते हुए एक युवक को कार्यालय पर रहने वाले विद्यार्थियों और विस्तारकों ने पकड़
कर पुलिस बुला कर उनके हवाले कर दिया था. इस मामले में पुलिस कर्मियों ने लापरवाही
बरती और मौके पर आए कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल ने युवक पुलिस थाने न ले जाकर
चौराहे से ही छोड़ दिया.
वही, युवक
पुलिस को सौंपे जाने से क्षुब्ध होकर अगले दिन मंगलवार को 20-30 युवकों के साथ धमक जमाने के उद्देश्य से संघ कार्यालय पर आ
पहुंचा और आवेश में आकर ललकारने लगा, परंतु
वहां उपस्थित विद्यार्थियों और विस्तारकों की संख्या एवं साहस देख कर ये लोग उस
समय वापस चले गए.
लेकिन, थोड़ी देर
बाद ही दोबारा 50 से 60 लोगों के
साथ विभाग कार्यालय पर आए, जिसमें
महिलाएं भी थीं और आते ही उन्होंने वहां पड़ी निर्माण सामग्री में से ईंट पत्थर उठा
कर फैंकना शुरू कर दिया.
विद्यार्थियों और विस्तारकों ने हमले पर प्रतिरोध दर्ज करवाया
तथा उपद्रवी भीड़ को कार्यालय से बहुत दूर उनकी बस्ती के मुहाने तक खदेड़ दिया.
तत्पश्चात पुलिस तथा वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सूचना दी, तत्काल ही पुलिस के अधिकारी और संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता
घटनास्थल पर पहुंच गए. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए युवक तथा उसके साथ आए
अन्य मुख्तियार, सरफ़राज़, आहिल खान
आदि 25 उपद्रवियों को पकड़ा लिया है, जिसमें
से 13 को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 एवं अन्य
जघन्य धाराओं में जेल भेज दिया गया और दोनों कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को
निलंबित कर दिया है.
आज बुधवार को भी पीएसी की 2 कंपनियों
के साथ क्यूआरटी, पुलिस
विभाग के 1 सीओ, 3 इंस्पेक्टर
के साथ 8 कांस्टेबलों ने उनकी बस्ती से लेकर कार्यालय तक पैदल मार्च
किया.
वर्तमान में अभी तक 2 चेक
पोस्ट, एक मुस्लिम बस्ती में और एक कार्यालय के समीप बनाई गई है, जिसमें पुलिस अधिकारियों और पीएसी की एक-एक कंपनी तैनात है.
श्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
No comments:
Post a Comment