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दिल्ली. लखनऊ से गिरफ्तार किए दो आतंकियों से जानकारी मिली है कि कानपुर के बैंक
खातों से टेरर फंडिंग हो रही थी. जिनमें लाखों रुपये का लेनदेन हुआ था. फिलहाल
बैंक खातों को सीज़ कर दिया गया है. 11 जुलाई
को लखनऊ के काकोरी क्षेत्र से मिन्हाज और मड़ियांव से मुशीर को एटीएस ने गिरफ्तार
किया था. दोनों आतंकवादी मानव बम बनकर 15 अगस्त
से पहले लखनऊ सहित कई शहरों में आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे.
एटीएस ने दोनों के कब्जे से विस्फोटक पदार्थ बरामद किया था. दोनों आतंकवादी
अलकायदा समर्थित अंसार गजवा तुल हिंद संगठन के हैं. यह आतंकी संगठन उमर नाम का एक
आतंकवादी चला रहा था.
अलकायदा
के दोनों आतंकियों से पूछताछ में एटीएस को जानकारी मिली है कि कानपुर नगर के 13 बैंक खातों से टेरर फंडिंग हो रही थी. इनमें से नौ ऐसे हैं, जिनमें पिछले छह महीने में 32 लाख
रुपये का विदेश से लेन-देन भी हुआ. सभी बैंक खातों को सीज़ कर एटीएस हवाला कारोबारियों
को तलाश रही है. इससे पहले आतंकी मिन्हाज और मुशीर को उनके मददगार शकील, मुस्तकीम और मुईद के सामने बिठाकर पूछताछ की गई थी.
उत्तर
प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने गिरफ्तारी
के समय बताया था कि सूचना मिलने पर पुलिस ने मिन्हाज अहमद के लखनऊ स्थित घर पर
दबिश दी. उसके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ. एक पिस्टल व आईईडी बरामद
हुई है. बरामद आईईडी को निष्क्रिय कराया गया. पुलिस की एक अन्य टीम ने अभियुक्त
मशीरुद्दीन के लखनऊ स्थित घर पर दबिश देकर भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया.
जानकारी
के अनुसार, अलकायदा समर्थित अंसार गजवा तुल हिंद
संगठन एक आतंकी संगठन है. यह पेशावर व क्वेटा से संचालित किया जा रहा था. आतंकी
उमर लखनऊ में जेहादी प्रवृत्ति के लोगों को तैयार कर रहा था. मिनहाज अहमद और
मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर इस संगठन के सदस्य हैं. उस समय पूछताछ के दौरान आतंकियों ने
पुलिस को बताया था कि इस आतंकी षड्यंत्र में शामिल कुछ अन्य लोग भी शामिल थे.
स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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