कादीपुर (सुल्तानपुर)| भारत राष्ट्र महापुरुषों की जिस साधना से विकसित हुआ है, उनमें विवेकानंद का वेदांत दर्शन दीन दुखियों के प्रति संवेदना का भाव और नर में नारायण की सेवा का संदेश सबसे मूलभूत पूंजी है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर सुलतानपुर में "जागृत राष्ट्र - जागृत युवा" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किया। वे संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि चरित्र और संस्कार ही राष्ट्र निर्माण
के मूल तत्व हैं, इनकी साधना और इनके
परिमार्जन से ही देश सशक्त तथा महान बनता है। स्वामी विवेकानंद की जयंती के
उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर निबंध लेखन, संभाषण प्रतियोगिता, तथा क्रीड़ा विभाग के सहयोग दौड़ प्रतिस्पर्धा
एवं विवेकानंद के जीवन पर एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का
संयोजन डॉ. सतीश सिंह ने किया।
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