प्रतापगढ़| मकर संक्रांति सामाजिक समरसता का महापर्व है, हमारी परंपरा सभी को साथ में लेकर चलने की है| "सब समाज को लिए साथ में आगे है बढ़ते जाना" यह भाव हम सभी के मन में होना चाहिए| हम सभी को नर में नारायण और नारी में नारायणी के स्वरूप का दर्शन करना चाहिए| हम सभी मां भारती की संतति है| हम सभी के लिए राष्ट्र सबसे पहले हैं| उक्त विचार मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने प्रतापगढ़ स्थित शहीद उद्यान में मकर संक्रांति उत्सव के कार्यक्रम में व्यक्त किया|
उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से समाज में विभिन्न राष्ट्र विरोधी शक्तियां
समाज को विखंडित करने में लगी हुई हैं उनसे राष्ट्र को बचाने के लिए हमारी भूमिका
और बढ़ जाती है| उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि शिक्षा केवल
रोजगार प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, शिक्षा सेवा का माध्यम है| एक शिक्षित व्यक्ति
को समाज की सेवा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए| उन्होंने कहा कि भगवान श्री
राम, भगवान श्रीकृष्ण हम सब के आदर्श हैं| हम सभी उनके आराधक
हैं| आवश्यकता इस बात की है कि भगवान की आराधना के साथ-साथ
श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें| श्रीराम के आदर्शों पर चलकर ही समाज
को सही दिशा दी जा सकती है और राष्ट्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया
जा सकता है| हम सभी को पूर्ण समर्पित भाव से देश को समुन्नत बनाने हेतु राष्ट्र
के प्रति अपने संपूर्ण कर्तव्यों का और समरस समाज के निर्माण हेतु अपनी भूमिका का
निर्वहन करना होगा| उन्होंने कान्वेंट शिक्षा पर अपना विचार रखते हुए कहा कि
कान्वेंट शब्द का शाब्दिक अर्थ अपने आप में भारतीय संस्कृत के विरुद्ध है| कान्वेंट पद्धति के
माध्यम से ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण को बढ़ावा देने का कार्य किया जाता है| उन्होंने लव-जिहाद
पर सचेत करते हुए कहा कि आज बेटियों को शिक्षित और जागररुक करने की आवश्यकता है|
इस अवसर पर कार्यक्रम के आरंभ में स्वस्तिवाचन
के साथ प्रांत प्रचारक रमेश जी एवं मा. विभाग संघचालक रमेश चंद्र त्रिपाठी द्वारा
भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया| कार्यक्रम में मा. जिला संघचालक चिंतामणि जी, सह नगर संघचालक
नितेश खंडेलवाल जी, जिला कार्यवाह डॉ.सौरभ पांडेय, जिला प्रचारक
शिवप्रसाद, प्रचार प्रमुख प्रभाशंकर पांडेय एवं आलोक गर्ग आदि उपस्थित
रहे|
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