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Saturday, January 28, 2023

अशिक्षा-लोभ और गरीबी धर्मांतरण के प्रमुख कारण - पद्मश्री डॉ रविंद्र नारायण

प्रयागराज| अशिक्षा लोभ और गरीबी धर्मांतरण के प्रमुख कारण है| राष्ट्रीयता का भाव धर्म और राष्ट्र एक ही है| यदि धर्म नहीं तो राष्ट्र नहीं, राष्ट्र नहीं तो धर्म नहीं| केवल इसी राष्ट्र की पहचान पूरी दुनिया में धर्म के लिए है| उक्त विचार विश्व हिंदू परिषद माघ मेला शिविर में चिकित्सक सम्मेलन को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ रविंद्र नारायण सिंह ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया|

      उन्होंने आगे कहा कि हमारा धर्म हमें न्याय और त्याग की प्रेरणा देता है हम समाज से अपने व्यवसाय में बहुत कुछ प्राप्त करते हैं और हम उस समाज को क्या देते हैं यह हमें सोचना चाहिए| पूरी दुनिया में सभी धर्मों के लिए बहुत अनेक प्रकार के संसाधन एवं मुद्राएं हैं जिससे वह अपने धर्म का विस्तार कर रहे हैं आज हमें अपने कम संसाधन में ही अपने को सुरक्षित रखते हुए अपने धर्म संस्कृति का संवर्धन संरक्षण करना है| विश्व हिंदू परिषद की स्थापना ही हिंदू समाज की एकजुटता के लिए हुई है, लेकिन आज धर्मांतरण हिंदू समाज के लिए एक कठिन चुनौती है|

      कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.एस. पी. सिंह ने कहा कि चिकित्सक व्यवसाय के लिए नहीं सेवा के लिए कार्य करते हैं| समाज में उन्हें ईश्वर के रूप में देखा जाता है| विश्व हिंदू परिषद का कार्य ईश्वरीय कार्य है जिसकी स्थापना ही धर्म की रक्षा के लिए हुई और आज संगठन की स्थापना से आज तक विश्व हिंदू परिषद के लिए लक्ष्य निष्ठा के कारण पूर्ण हो रहे हैं| उन्होंने कहा कि भारत में ही नहीं दुनिया के अनेक देशों में संगठन के कार्य सक्रिय रुप से हैं और मुझे आज जानकारी हुई कि संगठन के माध्यम से लाखों विद्यालय एवं लाखों सेवा प्रकल्प ऐसे स्थानों पर चल रहे हैं जहां पर हिंदू समाज संसाधन विहीन है| सभी चिकित्सक बंधुओं से आग्रह हैं कि वह अपनी सेवा धर्म को सर्वोपरि रखें| डॉक्टर युगांतर पांडे ने कहा कि बिना लोक कल्याण के मोक्ष नहीं मिलता| इसलिए हमारा धर्म लोक कल्याण होना चाहिए वैभव नहीं, जो हिंदू धर्म का सार है| जो समाज से लिया वही समाज को वापस दिया, ऐसा ही होना चाहिए| डॉ. कृतिका अग्रवाल ने कहा कि मैंने विश्व हिंदू परिषद के सेवा प्रकल्प को देखा है आज यहां उपस्थित चिकित्सक साथियों की संख्या को देखकर में उत्साहित हूं कि अपने व्यस्ततम समय में भी वे अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए तत्पर है और संगठन का कार्य सेवा, सुरक्षा, संस्कार के लिए जाना जाता है| धर्म की रक्षा से ही हमारी रक्षा है यह संगठन का धेय वाक्य है| विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह ने सभी गणमान्य अतिथियों का परिचय कराया और विषय का प्रतिपादन किया कि चिकित्सक किस समाज में क्या भूमिका है राष्ट्र और धर्म के लिए चिकित्सक का क्या योगदान हो सकता है|

कार्यक्रम का संचालन विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने किया| कार्यक्रम में डॉ. सुबोध जैन, डॉ.युगांतर पांडे, आशु पांडे, वीके पांडे, अनिल दुबे, एसके अग्रवाल, विश्व हिंदू परिषद काशी प्रान्त के सह संगठन मंत्री नितिन सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे|



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