प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रयाग उत्तर भाग के तत्वावधान में केपी ग्राउंड में रविवार को आयोजित फागुनोत्सव एवं सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने कहा कि आसुरी वृत्तियों का सर्वनाश करना एवं समाज में सामाजिक सद्भाव, समरसता स्थापित करना ही होली का संदेश है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि सभी आसुरी वृत्ति क्लेश कलह को मिटाने का संकल्प लें। परिवार एवं समाज में समरसता स्थापित करें जिससे राष्ट्रीय एकता मजबूत हो सके।
उन्होंने प्रसंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं से कहा कि हिरणा कश्यप की आसुरी वृत्ति का प्रभाव जब समाज में चरम पर पहुंच गया तो भक्त प्रह्लाद ने उसका विरोध करते हुए भगवान श्री नारायण का स्मरण किया। भगवान नरसिंह के रूप में ईश्वरीय शक्ति प्रकट होकर असुरी शक्ति का सर्वनाश किया और कुत्सित मानसिकता वाली हिरण्यकश्यप की बहन होलिका का भी दहन हुआ। आसुरीशक्ति के सर्वनाश एवं दैवीय शक्ति के स्थापना का पर्व तब से मनाया जाता है। यह पर्व पूरे देश में रंग प्रेम उमंग के साथ ही साथ सामाजिक समरसता एवं सामाजिक सद्भाव, प्रेम, सौहार्द का संदेश देता है। "देश में सामाजिक विषमता, आपसी कलह-क्लेश कैसे मिटे, सामाजिक एकता के सूत्र में सभी कैसे बंधे, भारत संपूर्ण दुनिया में एक शक्ति के रूप में कैसे उभरें...?" इन सभी प्रश्नों का उत्तर हमें होली पर्व पर मिलता है। संगठन “सब समाज को लिए साथ में आगे ही बढ़ते जाना” के मूल मंत्र को आधार बनाकर संपूर्ण हिंदू समाज को एकता के सूत्र में आबद्ध कर देश को परमवैभव के शिखर पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रांत प्रचारक रमेश जी के साथ मा.सह विभाग संघचालक नागेंद्र जी एवं सह प्रांत कार्यवाह प्रोफेसर राज बिहारी जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की हुई प्रस्तुति
सांस्कृतिक कार्यक्रम में मथुरा, वृंदावन, काशी के फागुनी गीतों तथा राधा कृष्ण एवं शिव के तांडव की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। रामजी मिश्र एवं उनके साथियों की ओर से प्रस्तुत मिथिला में राम खेले होरी, होली खेल रहे बांके बिहारी आज रंग बरस रहा होली गीत प्रस्तुत किया गया जिसकी श्रोताओं ने मुक्त कंठ से सराहना की। सौरभ पांडे एवं साथियों की ओर से राधा कृष्ण के रूप में प्रस्तुत भाव नृत्य सराहा गया। प्रतापगढ़ के कलाकारों द्वारा डमरू, त्रिशूल तथा भूत प्रेत के साथ शंकर जी का तांडव नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।उपस्थित कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर राधा कृष्ण तथा तांडव नृत्य कर रहे शिवजी के साथ जमकर फूलों की होली खेली तथा एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं समेत बड़ी संख्या में मातृशक्ति, बच्चे तथा स्थानीय लोग उपस्थित थे। अतिथि परिचय भाग कार्यवाह मुकेश जी ने एवं संचालन प्रो. विनम्र सेन जी ने किया।
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