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Wednesday, January 3, 2024

#FactCheck – क्या वास्तव में कंदकुर्ती में डॉ. हेडगेवार जी प्रतिमा का अनादर हुआ..?

31 दिसंबर, 2023 को मराठी दैनिक लोकसत्ता तथा पुढारी में महाराष्ट्र – तेलंगना सीमा पर स्थित कंदकुर्ती गाँव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी की प्रतिमा को लेकर एक समाचार प्रकाशित किया गया. इसमें खुले में रखी गई एक प्रतिमा का चित्र भी लगाया गया है और कहा गया है कि डॉ. हेडगेवार की प्रतिमा उनकी जन्म स्थली में ही लावारिस पड़ी हुई है.

समाचार ध्यान में आने के पश्चात तथ्यों की जांच की गई. विश्व संवाद केंद्र की टीम ने पाया कि यह समाचार तथ्यों पर आधारित नहीं है.

कंदकुर्ती गाँव डॉ. हेडगेवार जी की जन्मस्थली नहीं है. अपितु, हेडगेवार परिवार का पैतृक गाँव है. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म नागपुर में ही हुआ था.

यहाँ पर स्थित पुरातन श्री केशवराज मंदिर में उनके कुलदेवता की प्रतिमा है. साथ ही वहाँ पर भारत माता तथा डॉ. हेडगेवार जी की भी प्रतिमाएं हैं. यहाँ एक स्वतंत्र न्यास द्वारा मंदिर तथा विद्यालय का संचालन किया जाता है. डॉ. हेडगेवार जी का पैतृक गाँव होने के कारण देशभर से स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं की आस्था का यह केंद्र भी है.

संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में न्यास ने यहाँ के मंदिर तथा संपूर्ण परिसर के पुनर्निर्माण की योजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया है. निर्माण कार्य पूर्ण होने पर कई और सेवा प्रकल्प भी इसमें जोड़े जा रहे हैं. निर्माण कार्य पूरा होने तक यहाँ स्थित तीनों महत्त्वपूर्ण प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक तथा सावधानी से अपने स्थान से हटाकर श्रीकृष्ण मंदिर में सुरक्षित रखा गया है.


उक्त समाचार में प्रकाशित डॉ. हेडगेवार जी की तथाकथित दुर्लक्षित प्रतिमा वहां के विद्यालय के शिक्षक तथा छात्रों द्वारा बनाई गई पुरानी प्रतिमा थी, जिसे निर्माण कार्य के चलते बदला जा रहा है. समाचार के साथ प्रकाशित चित्र उसे हटाते समय तत्कालिक रुप से जब परिसर में रखा गया था, उस समय का है.

केशव सेवा समिति न्यास के कार्यवाह के यादवराव जी जोशी, सदस्य धर्माबाद (महाराष्ट्र) के स्वयंसेवक रविंद्र पोतगंटिवार तथा गोवर्धन मालू जी ने कंदकुर्ती से वीडियो जारी कर लोकसत्ता तथा पुढारी में प्रकाशित वार्ता का खंडन किया है.

यहाँ के सेवा प्रकल्पों के निर्माण का वार्तांकन न करते हुए तथ्यहीन वार्तांकन करना निंदनीय है. सभी मूर्तियां सुरक्षित तथा सम्मानपूर्वक अवस्था में है. हम निर्माण कार्यों के चलते सावधानीपूर्वक काम कर रहे हैं.”

लोकसत्ता द्वारा पूर्व में प्रकाशित समाचार…..

विश्व संवाद केंद्र की जांच के पश्चात लोकसत्ता द्वारा प्रकाशित समाचार…..

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