काशी। देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर विश्व संवाद केंद्र काशी द्वारा आयोजित वेब संगोष्ठी "वैश्विक महामारी में सकारात्मक पत्रकारिता की भूमिका" विषयक वेबिनार के मुख्य वक्ता एवं प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने कहा कि जब सम्पूर्ण राष्ट्र की संस्कृति खतरे में हो तो उस समय सकारात्मक पत्रकारिता की आवश्यकता रहती है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रान्त के प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने कहा कि नारद जी की पत्रकारिता सत्य पर आधारित थी तथा वह दीनहीन एवं गरीबों के हित के लिए थी। वर्तमान समय में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में कुछ वामपंथी एवं राष्ट्रविरोधी ताकतें आधारहीन ख़बरों और अफवाहों के बल पर भारत की छवि को विश्व पटल पर गिराने में लगी है। ऐसे दौर में प्रिंट मीडिया ने सही और सकारत्मक सूचना देकर अपना दायित्व निभाया है तथा सकारात्मक पत्रकारिता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसके विपरीत सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया की भूमिका नकारात्मक रही। उन्होंने जौनपुर के 6 अनाथ बच्चों के समाचार तथा रामजन्मभूमि समर्पण निधि में अंशदान करने वाली वनवासी महिलाओं जैसे समाचारों को व्यापक रूप से प्रकाशित किये जाने को सकारात्मक पत्रकारिता का आदर्श उदाहरण बताया। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे दफनाई लाशों की झूठी खबर नकारात्मक पत्रकारिता का उदाहरन है। इससे पत्रकारिता को बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय महामारी में भारत की संस्कृति, विरासत परंपरा संकट में है इसे बचाने के लिए सकारात्मक पत्रकारिता आवश्यक है।
संगोष्ठी के विशिष्ठ वक्ता एवं दैनिक जागरण
के समाचार संपादक भारतीय बसन्त कुमार ने कहा कि पत्रकारिता की मर्यादा समुद्र की
मर्यादा की तरह है। समाज के सत्यम शिवम सुन्दरम का ध्यान रखना ही सकारात्मक
पत्रकारिता है। समाचारों का असर सकारात्मक रूप में ज्यादा होता है। कोरोना काल में
जौनपुर के एक परिवार के छह बच्चे अनाथ हुए। सकारात्मक पत्रकारिता के कारण मुम्बई
के एक संस्था ने ढ़ाई लाख रुपये एफडी और बच्चों के आजीवन शिक्षा की व्यवस्था की।
इसी क्रम में विशिष्ट वक्ता एवं काशी पत्रकार
संघ के महामंत्री डॉ अत्रि भरद्वाज ने कहा कि कोरोना आपदा पत्रकारिता के लिए
चुनौती बनकर आया। सकारात्मक पत्रकारिता में लोक मंगल और लोक कल्याण की भावना रहती
है। पत्रकारों का दायित्व है कि वे पाठकों के हित में सरकार से सवाल करे, जिस प्रकार देवर्षि नारद
जग कल्याण के लिए निष्पक्ष भावना से कार्य करते हैं। पत्रकार भी उसी प्रकार से
कार्य करें।
वेबिनार के अध्यक्ष एवं उद्योगपति श्री आर के
चौधरी ने कहा कि नारद जी का जन्म ब्रम्हा जी के कण्ठ से हुआ। कठोर तप के बाद वह
देवर्षि बने तीनों लोको में विचरण करने का गुण नारद जी में है। नारद जी द्वारा
सकारत्मक संदेशों से सृष्टि को लाभ पहंुचाया गया। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ भी
समाज के विकास में सक्रिय योगदान देता रहे, यही सकारात्मक
पत्रकारिता है। पत्रकारिता के नाते राष्ट्र की प्रतिष्ठा पुनः प्रतिष्ठित हुई है।
वेबिनार का शुभारम्भ देवर्षि नारद के चित्र
पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से प्रारम्भ हुआ. वेबिनार का संचालन एव स्वागत
विश्व संवाद केंद्र के सचिव प्रदीप कुमार ने किया. वेबिनार में धन्यवाद ज्ञापन
दक्षिण भाग प्रचार प्रमुख रविकान्त ने किया। वेबिनार के अन्त में महामारी में काशी
के रामेन्द्र सिंह जी (दैनिक हिन्दुस्तान), बद्री विशाल जी
(अवकाश प्राप्त, अमर उजाला), रत्नाकर दीक्षित
जी (दैनिक जागरण), शाश्वत विक्रम गुप्त जी
(निदेशक, आज हिंदी दैनिक), शम्भू नाथ
उपाध्याय जी (दशोदिशा) समेत देश के सभी दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजली दी गयी.
इस वेबिनार में डॉ. हरेन्द्र राय, डॉ हेमन्त गुप्त, डॉ राकेश तिवारी, राजेन्द्र सक्सेना, भाग प्रचारक प्रवेश कुमार, प्रो. जे पी लाल, डॉ अशोक सोनकर, प्रभात कुमार, वेद प्रकाश सिंह, श्रीमती कविता सिंह, श्रीमती प्रियंका गुप्ता आदि ने सहभाग किया।
देवर्षि नारद जयंती की पूर्व संध्या के अवसर
पर विश्व संवाद केंद्र काशी द्वारा आयोजित वेब संगोष्ठी "वैश्विक महामारी में
सकारात्मक पत्रकारिता की भूमिका" का आयोजन काशी प्रान्त के सभी जिलों में
किया जा रहा है। जिसमें से दस जिलों यथा सोनभद्र, रेणुकूट, यमुनापार गंगापार (प्रयागराज), प्रतापगढ़, अमेठी एवं
गाजीपुर में 27 मई को पूर्व जयन्ती पर संपन्न हो गया। शेष जिलों में नारद
जयन्ती पर 28 मई को संपन्न होगा।
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