- धारवाड़ में अखिल भारतीय कार्यकारणी मंण्डल की तीन दिवसीय बैठक में पारित हुआ प्रस्ताव
- प्रस्ताव - बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए उन्मादी इस्लामिक आक्रमण की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल द्वारा भर्त्सना
काशी| राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ की काशी प्रान्त इकाई बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए उन्मादी
इस्लामिक आक्रमण की कड़े शब्दो में निन्दा करता है। यह बात काशी प्रान्त के प्रान्त
कार्यवाह मुरलीपाल ने पराड़कर भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में कही|
उन्होने ने बताया कि संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की
कर्नाटक के धारवाड़ में हुई|
तीन दिवसीय बैठक
में बांगलादेश में रह रहे,
हिन्दू
अल्पसंख्यकों पर हुए हिंसक अत्याचारों पर दुख जतातें हुए प्रस्ताव पारित किया गया
था। आरएसएस बांग्लादेश के इस्लामिक जिहादी संगठनों के षडयन्त्र की घोर निन्दा करते
हुए वहां के हिन्दू अल्पसंख्यकों पर लागातार हो रहे क्रूर हिंसा को रोकने तथा उनकी
सुरक्षा के प्रति भारत सरकार का इस ओर ध्यान दिलाया है। अखिल भारतीय कार्यकारी
मण्डल के प्रस्ताव कि चर्चा करते हुए प्रान्त कार्यवाह ने कहा कि बांग्लादेश के
हिन्दू समाज एवं हिन्दू मन्दिरों पर हिसंक आक्रमणों का क्रम बिना रोक टोक चल रहा
है। दुर्गा पुजा के समय हुई संप्रदायिक हिंसा में अनेक निर्दोष हिन्दुओं की हत्या
हुई, तो सैकड़ो घायल हुएं| वही हजारो बेघर
हुए पिछले दो सप्ताह में हिन्दू समाज की अनेक माता-बहनें अत्याचार की शिकार हो गई
है। कट्टर इस्लामिक शक्तियों द्वारा बांग्लादेश से हिन्दू समाज के निर्मुलन हेतु
सुनियोजित षडयन्त्र चलाया जा रहा है, फलस्वरूप वहां हिन्दू
जनसंख्या में निरन्तर कमी होती जा रही है। ज्ञात हो कि विभाजन के समय
पूर्वी बंगाल में हिन्दुओं कि जनसंख्या 28 प्रतिशत थी, जो घटकर अब केवल 8 प्रतिशत रह गई है। बांग्लादेशी जमात-ए-इस्लाम जैसे
कट्टरपंथी समूहों के अत्याचारों से विभाजन काल एवं 1971 के यु़द्ध के समय बड़ी संख्या में हिन्दू समाज
को पलायन करना पड़ा, आज भी वे समाजिक
सौहार्द बिगाड़ रहे है, जिससे अल्पसंख्यक
हिन्दू समाज में असुरक्षा कि भावना उत्पन्न हुई है, संघ ने बांग्लादेश सरकार को चेताया है कि
अल्पसंख्यक समाज के विरुद्ध बढ़ रही हिसंक घटनाओं को रोकने हेतु उचित कदम उठाये और
साथ की हिन्दू विरोधी हिंसा के अपराधियों को कठोर दण्ड दे, उन्होने कहा कि
अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल मानवाधिकार के तथा कथित प्रहरी और संयुक्त राष्ट्र
संघ के मौन पर चिन्ता जताते हुए अन्तराष्ट्रीय समुदाय को आह्वान करता है कि, वह इस हिंसा कि
निन्दा करने के लिए आगे आये और बांग्लादेश के हिन्दू ही नहीं बौद्ध सहित अन्य
अल्पसंख्यक समाज के बचाव एवं सुरक्षा हेतु अपनी आवाज उठायें| कट्टरपंथी
इस्लामिक शक्ती का उभार शान्ति प्रिय देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्था और मानवाधिकार
के लिए गंम्भीर खतरा है, कट्टरवादी हिंसा
से पीड़ित बांग्लादेश के हिन्दू भाई बहनों के प्रति सम्वेदना दिखाते हुए सहयोग करने
वाले अनेक संगठनों कि सराहना करते हुए हम विश्वास दिलाते है कि राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ सहित सम्पूर्ण हिन्दू समाज बांग्लादेश के अल्पसंख्यक पीड़ितों के साथ
डटकर खड़ा है।
केवल शाखायें ही नही समाजिक परिर्वतन कि ओर संघ का बड़ा कदम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी प्रान्त कार्यवाह मुरलीपाल ने बताया कि
कोविड महामारी काल में संघ का केवल शाखाओं पर ही जोर नही था, अपितु सामाजिक
परिवर्तन की ओर सराहनीय कार्य किया है, महामारी काल में कार्यकर्ताओं की सक्रियता के चलते काशी
प्रान्त के 26 जिलों के 1511 खण्डों एवं 105 नगरीय क्षेत्रों
के 1495 स्थानों पर संघ
कि कुल 2189 नियमित शाखायें
चल रही है। 226 स्थानों पर
सप्ताहिक मिलन है, जबकि 293 सेवा बस्तियों
में शाखा द्वारा सेवा कार्य किया जा रहा है।
त्याग, शौर्य, बलिदान के प्रतीक और हिन्दुत्व की पहचान, परम पवित्र भगवा ध्वज को संघ ने अपना गुरू माना है, वर्ष में एक बार प्रत्येक स्वयंसेवक स्वयं उपस्थित होकर गुरूपुजन करता है, कोविड संकट के बावजूद 6057 पुजक स्थानों पर रिकार्ड 1,60,816 स्वयंसेवकों ने पुजन किया। आत्मीय परिवर्तन के साथ समाज परिवर्तन हेतु संघ क्रियाशील है, समाज में व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघ के गतिविधि आयाम, सामाजिक समरसता, सामाजिक सद्भाव, कुटुम्ब प्रबोधन, सम्रग ग्राम विकास, गोसेवा, धर्मजागरण तथा पर्यावरण के कार्य से सामाज में वैचारिक, सामजिक एवं आर्थिक परिवर्तन दिखाई देने लगे है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (अखिल भारतीय
कार्यकारी मंडल), धारवाड़ - 28-30 अक्टूबर 2021
प्रस्ताव - बांग्लादेश में हिंदुओं
पर हुए उन्मादी इस्लामिक आक्रमण की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल द्वारा भर्त्सना
अखिल भारतीय
कार्यकारी मंडल (अ. भा. का.मंडल) बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हिंसक आक्रमणों पर
अपना गहरा दुःख व्यक्त करता है और वहाँ के हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रही
क्रूर हिंसा और बांग्लादेश के व्यापक इस्लामीकरण के जिहादी संगठनों के षडयन्त्र की
घोर निंदा करता है ।
बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समाज व हिंदू मंदिरों पर
हिंसक आक्रमण का क्रम बिना रोकटोक चल रहा
है। गत समय में दुर्गा-पूजा के पवित्र पर्व काल में प्रारम्भ हुई इस
साम्प्रदायिक हिंसा में अनेक निरापराध
हिंदुओं की हत्या हुई, सैंकड़ों लोग
घायल हुए और हज़ारों परिवार बेघर हो गए।
गत दो सप्ताह में ही हिंदू समाज की अनेक
माता-बहनें अत्याचार की शिकार हुईं तथा मंदिरों व दुर्गा-पूजा पंडालों का विध्वंस हुआ। निराधार झूठे समाचार प्रसारित
कर साम्प्रदायिक उन्माद फैलानेवाले कुछ दोषियों की गिरफ़्तारी से यह स्पष्ट हुआ
है कि कट्टरपंथी इस्लामिक शक्तियों का वर्तमान
आक्रमण एक सुनियोजित षडयन्त्र था। हिंदू
समाज को लक्षित कर बार-बार हो रही हिंसा का वास्तविक उद्देश्य बांग्लादेश से हिंदू समाज का संपूर्ण
निर्मूलन है, फलस्वरूप भारत
विभाजन के समय से ही हिंदू समाज की
जनसंख्या में निरंतर कमी आ रही है।
विभाजन के समय
पूर्वी बंगाल में हिंदुओं की जनसंख्या जहाँ लगभग अठ्ठाईस प्रतिशत थी वह
घटकर अब लगभग आठ प्रतिशत हो गई है।
जमात-ए-इस्लाम ( बांग्लादेश) जैसे कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा अत्याचारों के
कारण विभाजन काल से और विशेषकर 1971 के युद्ध के समय
बड़ी संख्या में हिंदू समाज को भारत में पलायन करना पडा। बांग्लादेश
निर्माण के उपरान्त आज भी वही तत्व सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रहे है जिसके कारण
अल्पसंख्यक हिंदू समाज में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है ।
अ. भा. का.मंडल का यह मत है कि बांग्लादेश सरकार अपने ही
देश के अल्पसंख्यक समाज के ख़िलाफ़ बढ़
रही हिंसक घटनाओं को रोकने हेतू कठोर कदम उठाये। सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि
हिंदू विरोधी हिंसा के अपराधियों को कठोर दंड प्राप्त हो ताकि हिंदू समाज में ऐसा
विश्वास उत्पन्न हो कि बांग्लादेश में वे अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए
सम्मानपूर्वक सुरक्षित जीवन जी सकते हैं ।
अ. भा. का.मंडल मानवाधिकार के तथाकथित प्रहरी संगठनों और
संयुक्त राष्ट्र संघ से संबंधित संस्थाओं के गहरे मौन पर चिंता व्यक्त करता है और
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आवाहन करता है कि वह
इस हिंसा की निंदा करने के लिए आगे आए व बांग्लादेश के हिंदू ,बौद्ध व अन्य
अल्पसंख्यक समाज के बचाव व सुरक्षा हेतु अपनी आवाज़ उठाए ।हम यह भी आगाह करना
चाहते है कि बांग्लादेश या विश्व के किसी
भी अन्य भाग में कट्टरपंथी इस्लामिक शक्ति का उभार विश्व के शांतिप्रिय देशों की
लोकतांत्रिक व्यवस्था और मानवाधिकार के लिए गम्भीर ख़तरा सिद्ध होगा।
अ. भा. का.मंडल भारत सरकार से भी यह अनुरोध करता है कि वे
उपलब्ध सभी राजनयिक माध्यमों का उपयोग
करते हुए बांग्लादेश में हो रहे आक्रमणों व मानवाधिकार हनन के बारे में विश्व भर के हिंदू समाज एवं संस्थाओं की
चिंताओं से बांग्लादेश सरकार को अवगत कराये ताकि वहाँ के हिंदू और बौद्ध समाज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कट्टरपंथी
हिंसा से पीड़ित बांग्लादेश के हिंदू भाई-बहनों के साथ जुड़कर संपूर्ण सहयोग
करनेवाले इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन,
भारत सेवाश्रम संघ, विश्व हिंदू परिषद एवं अनेक हिंदू संगठनों-संस्थाओं की अ.
भा. का. मंडल सराहना करता है। हम यह भी विश्वास दिलाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक
संघ सहित संपूर्ण हिंदू समाज बांग्लादेश के हिंदू और अन्य प्रताड़ित अल्पसंख्यको
के इस कठिन एवं चुनौतीपूर्ण समय में उनके
साथ डटकर खड़ा है।
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