WELCOME

VSK KASHI
63 MADHAV MARKET
LANKA VARANASI
(U.P.)

Total Pageviews

Thursday, November 11, 2021

विश्व को धर्म का वास्तविक स्वरूप समझाने में संतों का महत्वपूर्ण योगदान – डॉ. मोहन जी भागवत

 नरसी के संत नामदेव गुरुद्वारा में सरसंघचालक जी ने दर्शन कर माथा टेका

हिंगोली. राष्ट्रीय सावयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि राष्ट्र का सामर्थ्यआध्यात्मिक शक्ति पर ही टिका होता है और यह आध्यात्मिक शक्ति को वृद्धिंगत करने हेतु साधु-संतों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. संपूर्ण विश्व को संतुलित रखने और वास्तविक धर्म समझाने हेतु संतों ने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये. हमारे यहाँ भक्ति केउपासना के मार्ग अलग अवश्य होंगेभाषापरंपरा भिन्न होंगी. परंतुअंततः सभी भारतीयों की श्रद्धा एक ही हैअंतिम सत्य एक ही है और यही भारत की विशेषता है.

  

सरसंघचालक जी नरसी में (जिला हिंगोलीमहाराष्ट्र) श्री गुरुद्वारा दर्शन पश्चातस्थानीय नागरिकसंतसज्जन वृंद से संवाद कर रहे थे. सरसंघचालक आज महराष्ट्र के हिंगोली जिले में संत नामदेव महराज के जन्म से पुनीत नरसी नामदेव स्थान पर गए थे.

सरसंघचालक जी ने कहा कि भक्तिमार्ग का भौतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्त्व है. महाराष्ट्र में अनेक संतों की परंपरा रही है. श्री संत नामदेव जी ने सरल भाषा में लोगों को भक्तिमार्ग सिखाया. उन्होंने पंजाब तक वारकरी संप्रदाय की पताका लहराई. इसी से हिन्दू समाज के आपस में समन्वयसद्भाव और आत्मीयता का दर्शन होता है. अत्यंत सामान्य पारंपरिक कथाओं में भी अध्यात्म और सामाजिक जागृति भारत में आज भी दिखाई देती है. इसलिए पंजाब की पावन भूमि ने संत नामदेव जी के मार्ग को सहज स्वीकार किया. संत नामदेव जी की 61 पंक्तियां गुरु ग्रंथ साहब में भी समाविष्ट है. श्री गुरुनानक देव जीश्री गुरु गोविंद सिंह जी ने संत नामदेव जी को सदैव आदर और सम्मान का स्थान दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी यही भूमिका है. एक जनएक संघ. इसमें से ही मूलभूत साक्षात्कार होता है”. नरसी में श्री संत नामदेव महराज के जन्मस्थानगुरुद्वारा के दर्शन और संत नामदेव जी की समाधि स्थान के दर्शन से मैं धन्य हुआ.

No comments: