सोनभद्र| अमृत महोत्सव आयोजन समिति सोनभद्र द्वारा शुक्रवार को नगर व छपका खंड में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव का भव्य उद्घाटन किया गया। इस दौरान सोनभद्र विभाग में भी विभिन्न स्थानों पर उत्साह और हर्षोल्लास का माहौल दिखा|
सोनभद्र
जिला प्रचार प्रमुख नीरज के अनुसार जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार विजय
शंकर चतुर्वेदी ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर सारगर्भित विचार रखते हुए
कहा कि हर व्यक्ति के मन में राष्ट्रप्रेम का भाव और भारत माता के प्रति श्रद्धा
ही स्वतंत्रता का अमृत है। स्वतंत्रता के अमृत से भारत विश्व गुरु बनेगा। भारत को
स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो गए। जनपद सोनभद्र भारत के 150 पिछड़े
जिलों में शामिल है| उन्होंने सोनभद्र के 100 वर्ष पहले का रेखांकन करते हुए बताया कि
सोनभद्र में कुल 112 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे जिन्होंने
स्वतंत्रता का सपना देखा था। उन्होंने बताया कि वर्ष 1941 में
सोनभद्र में महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में दुद्धी
की राजेश्वरी देवी जिन्हें अंग्रेजी हुकूमत द्वारा 2 वर्ष
की सजा व 50रु. जुर्माना
किया था और पेटराही की शिवकुमारी का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सोनभद्र के
परासी दूबे स्थित शहीद उद्यान में सोनभद्र के 112 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का नाम गौरव
स्तंभ पर उद्धिर्त है।
कवित्री
रचना तिवारी ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का चित्रण काव्य पाठ में किया। सोनभद्र
बार एसोसिएशन सोनभद्र के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद चौबे ने स्वतंत्रता
के पूर्व के इतिहास का चित्रण करते हुए कहा कि मुगलों, हूणो
आदि आक्रांताओं ने भारत की संस्कृति को नष्ट किया। राष्ट्र की अपनी सांस्कृतिक
चेतना होती है। विंध्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या अंजली विक्रम ने वीरांगना
महारानी लक्ष्मीबाई के पराक्रम का विस्तृत चित्रण किया। कार्यक्रम का समापन में अध्यक्षता
कर रहे शिवधारी शरण राय ने कहा कि 20 सितंबर से 30 सितंबर
तक तिरंगा यात्रा तथा 1 दिसंबर से 19 दिसंबर
तक स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाया जायेगा जिसमे भारत माता का पूजन, आरती
और वंदे मातरम का गायन आदि कार्यक्रम होंगे| स्वागत भाषण शारदा महेश इंटर कॉलेज के
प्रभारी प्रधानाचार्य जितेंद्र सिंह ने किया। उपस्थित लोगों ने वंदे
मातरम के गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
रानी
लक्ष्मीबाई जयंती पर आरम्भ हुए इस कार्यक्रम के दौरान राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज
सोनभद्र नगर में भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया गया| दीप प्रज्वलित कर भगवान श्री गणेश की वंदना से कार्यक्रम प्रारम्भ
हुआ|
तत्पश्चात उपस्थित विद्यार्थियों द्वारा देश भक्ति गीत व सांस्कृतिक
कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से कुंवर देवांश, शिवशंकर
उपस्थित रहें| संचालन भोला नाथ मिश्र ने किया।
ओबरा
ओबरा
नगर में आयोजित स्वाधीनता के 75 वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम
का आयोजन अमृत महोत्सव आयोजन समिति ओबरा द्वारा किया गया| मुख्य वक्ता में
सर्वप्रथम सोनभद्र जनपद के प्रख्यात लेखक पत्रकार नरेंद्र नीरव जी ने अपने उद्बोधन
में कहा की सभी धर्म पंथ से ऊपर उठकर संघ समाज
के सभी महापुरुषों को समुचित महत्व देता है। इसके साथ-साथ उन्होंने
आदिवासी, वनवासी जैसे धीरशाह, वीरशाह, रमणी देवी, कोरबा, गुर्जर, खरवार
सभी से जुड़े प्रेरणादाई महत्वपूर्ण घटनाओं का भी उल्लेख किया और बताया कि किस तरह
झारखंड के चेरो, कोल
वनवासी प्रजातियों द्वारा अंग्रेजों का घोर विरोध बहुत अधिक संख्या में किया गया
था और
आदिवासी पंचशील सिद्धांत का भी उल्लेख किया। अन्य वक्ता
के रूप में आनंद जी (संगठन मंत्री सेवा समर्पण संस्थान चपकी) बभनी
ने संस्कृत श्लोक के साथ अखंड भारत गौरवशाली, प्राचीनता
और सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार व्यक्त कियाl उन्होंने बताया कि किस तरह अखंड भारत राजा
विक्रमादित्य ,चंद्रगुप्त मौर्य और मेहर पाल के समय में रहा
और कभी भी पूर्ण रूप से पराधीन नहीं रहा| किस प्रकार भारत सदैव सामर्थ्यवान
चरित्रवान और शक्तिशाली था| अपने व्यक्तिगत निष्ठा, संकल्प, एवं
हितों के दूरदृष्टि
के अभाव के कारण कई बार अधर्म बढ़ने की वजह से पराधीन हुआ, किंतु
इसके
निरंतर गौरवशाली संघर्ष का इतिहास अत्यंत ही स्वर्णिम है|
कार्यक्रम
की अध्यक्षता कर रही ओबरा स्नातकोत्तर महाविद्यालय की डॉ विभा पांडे ने अपने
उद्बोधन में महापुरुषों द्वारा दिए गए बलिदान का उल्लेख किया। सोनभद्र के परासी
गांव से शहीद उद्यान का भी उन्होंने उल्लेख किया। उन्होंने आज की युवा पीढ़ी को
हमारे पूर्वजों द्वारा महापुरुषों द्वारा इस राष्ट्र के निर्माण में दिए गए बलिदान
और त्याग का भान होना चाहिए, उन्हें जागरूक होना चाहिए ताकि आने वाले भारत का
संस्कृतिक और चारित्रिक रूप से नव निर्माण कर सकेंl सरस्वती
विद्या मंदिर की छात्राओं द्वारा मां भारती आरती के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में नगर अध्यक्ष प्रानमती देवी, प्रमोद चौबे, शशिकांत शुक्ला, संजय बैसवार, धुरन्धर शर्मा, संजीत चौबे, दीपेश दीक्षित, मनोज, जेपी केशरी, मृदुल, राजेश, राजन, सतीश पांडेय, विकास, शिशिर शर्मा, विनोद और बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सरस्वती विद्या मंदिर की छात्राओं द्वारा वंदेमातरम का गान हुआ| संचालन प्रमोद चौबे ने किया|
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