प्रयागराज। देश एक बार फिर से आंतरिक एवं बाह्य चुनौतियों का सामना कर रहा है। आजादी से पहले जिस तरह की चुनौती थी लगभग वैसी ही चुनौतियां इस समय भी है। भारत के दुबारा बटवारे का सपना देखने वाली ताकतो को पोषित करने वाले इस देश के भीतर छुपे हुये हैं। समय रहते इनको पहचानने की जरूरत है। कुछ राजनीतिक दल इनको खुला प्रश्रय दे रहे है। आतंकियों और पत्थरबाजो की चुनौती का भी देश सामना कर रहा है। उक्त उद्गार बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र संघचालक रामकुमार वर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किया। वह नैनी स्थित माधव ज्ञान केन्द्र इंटर कॉलेज मे चल रहे 20 दिवसीय संघ शिक्षावर्ग-प्रथम वर्ष (सामान्य) के समापन समारोह मे प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आह्वान किया कि राष्ट्रहित में उठाए जा रहे
कदमों का विरोध करने वाली तथा दंगा कराने वाली ताकतों को पहचानकर उन्हें रद्दी की
टोकरी में फेकने का काम करें| देश को अस्थिर करने वाली शक्तियां अपना खेल जम कर
खेल रही है। देश वैचारिक चुनौतियों का भी सामना कर रहा है। शहरी नक्सली बड़े ही
सुनियोजित ढंग से राष्ट्रीयता और यहां की प्राचीन संस्कृति के बारे में भ्रम फैला
रहे हैं। चिरंतन काल से यहां एक संस्कृति की अजस्र धारा प्रवाहित हो रही है जिसे
भारतीय संस्कृति या हिंदू संस्कृति के नाम से पूरी दुनिया जानती है। यह संस्कृति
अरबो वर्ष पुरानी है। यही संस्कृति पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधे हुए है।
इस संस्कृति की धारा में बंधे हुए लोग देश
के तीर्थ, महापुरुषों के प्रति समान रूप से श्रद्धा रखते
है तथा भारत माता को अपनी माता मानते है। देश में अलग-अलग समूह के रूप में रहने
वाले लोगों की उपासना पद्धति भले ही अलग
हो सकती है किंतु सभी के पुरखे तो एक ही
है। सब के पूर्वज हिंदू है। हिंदू राष्ट्रीयता का बोधक है।
उन्होंने अनेकता में एकता के भाव को दर्शाते हुए कहा कि इस देश से हज करने के लिए जाने वाले मुसलमानों को भी हिंदुस्तानी मुसलमान कहा जाता है। स्वामी विवेकानंद को भी हिंदू सन्यासी कहकर पुकारा गया। यह समय की मांग है कि हर तरह का अहंकार भूलकर सामाजिक समरसता से देश को मजबूत बनाएं। लार्ड मैकाले की शिक्षा को छोड़कर स्वावलंबी एवं देशभक्त बनाने वाली शिक्षा ग्रहण करें। संपूर्ण मानव कल्याण के लिए हिंदुत्व को बढ़ाएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत अखंड होकर रहेगा महर्षि अरविंद का संकल्प पूरा होगा।
समारोह के अध्यक्ष रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे यहां प्राप्त प्रशिक्षण का लाभ समाज को पहुंचाए। समाज को भी संगठित और अनुशासित करें। असली ताकत नेतृत्व में नहीं उन लोगों के पास होती है जिनका वह नेतृत्व करता है। इस सच्चाई को कभी भी न भूले। संघ में सेवा अनुशासन एवं समर्पण का गजब का भाव है, देश इसी से आगे बढ़ेगा। अपने प्रशिक्षण का उपयोग बेहतर मानव बनाने हेतु करें।
मुख्य वक्ता
एवं अध्यक्ष के उद्बोधन के पूर्व गणवेशधारी प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं ने घोष की धुन
के साथ समता, दंड, दंड युद्ध, पदविन्यास, नियुद्ध, व्यायाम,
योग आदि का सामूहिक प्रदर्शन किया जो अत्यंत उत्साहित करने वाला था| मंच पर प्रांत
संघचालक डॉ विश्वनाथ लाल निगम, वर्ग अधिकारी रमेश प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
समारोह में
अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख अजीत प्रसाद महापात्र, क्षेत्र प्रचारक अनिल जी,
क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राजेंद्र जी, सह प्रांत संघचालक अंगराज जी, प्रांत प्रचारक
रमेश जी, सह प्रांत प्रचारक मुनीश जी, प्रांत प्रचारक प्रमुख रामचंद्र जी, प्रांत कार्यवाह मुरली
पाल, सह प्रांत कार्यवाहद्वय राकेश जी एवं राज बिहारी लाल, विभाग प्रचारक डॉ पीयूष जी, प्रांत बौद्धिक
प्रमुख सत्यपाल जी प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ.मुरार जी, विभाग प्रचार प्रमुख वसु जी,
चारु मित्र जी उपस्थित रहें। वर्ग कार्यवाह हरीश जी ने इस अवसर पर बताया कि वर्ग में
तीन विभागों के सारे जिलों की लगभग 300 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनमें छात्र, कृषक, वक्ता,
शिक्षक, व्यवसाई तथा पूर्ण कालिक कार्यकर्ता सम्मिलित रहें।
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