आत्मनिर्भर भारत हमारा संकल्प - भैय्याजी जोशी
मा0 सरकार्यवाह ने ध्वजारोहण के पश्चात् कार्यक्रम को किया संबोधित
ध्वजारोहण करते मा0 सरकार्यवाह जी |
आज भारत का 74वाँ स्वतन्त्रता दिवस है। वर्तमान परिस्थिति में कोविड-19 के कारण यह कालखण्ड चर्चा का विषय बना हुआ है। कोरोना जैसी महामारी का प्रकोप अपने देश में और सम्पूर्ण विश्व में चल रहा हैं। इस परिस्थिति में भारत की कुछ भिन्न विशेषता ध्यान में आई है। संख्यात्मक जानकारी के आधार पर दुनिया के अन्य समृद्ध देशों कि अपेक्षा भारत में बीमारी का संक्रमण और मृत्यु दर कम है। इसका कारण यहाँ का रहन-सहन जीवन शैली एवं लोगो की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है। यहाँ की जलवायु, परम्परायें और सांस्कृतिक जीवन शैली लोगो को ऐसे संघर्ष के समय में जीवन शक्ति प्रदान करती है। तुलनात्मक दृष्टि से सर्वाधिक सम्पन्न और स्वच्छ अमेरिका इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। भारत वर्ष के कुछ प्रान्तों में कोरोना वायरस का प्रभाव अधिक है परन्तु कुछ प्रान्तों में न के बराबर है। यह हमारी अलग पहचान को सिद्ध करता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते मा0 सरकार्यवाह जी |
इस परिवेश में स्वतन्त्रता की 74वीं वर्षगाठ पर हमें व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन में स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लेना चाहिए। पिछले 74 वर्षों में हमने विभिन्न प्रकार के प्रयोग और प्रयास किये हैं। किन्तु हमें विदेशी सहायता पर निर्भर रहना पड़ा। आज भी हमारी कुछ अन्य देशों पर निर्भरता बनी हुई है। इस कोरोना कालखण्ड में हमें आत्मनिर्भरता की ओर सोचने का अवसर दिया है। देश की जलवायु, परम्परा और विभिन्न संसाधनों में आत्मनिर्भरता अपेक्षित हैं।
हम स्वयं आत्मनिर्भर बनें। और अपने प्रिय भारत राष्ट्र को
आत्मनिर्भर बनायें जिससे दुनिया के तमाम छोटे-छोटे देश प्रेरित होकर आत्मनिर्भर बनें और
बड़े देशों के चंगुल से मुक्त होकर अपना स्वयं का व कास करें और आत्मनिर्भर
बनें। इसी भाव को ग्रहण कर हम अपने लक्ष्य पर पहुंच पायेगें और दुनिया के अन्य देश
भी भारत के ही आधार पर
आगे बढ़ सकेगें।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुये सुरभि शोध संस्थान के संस्थापक सूर्यकान्त जालान (कानू भाई) ने कहा कि इस परिसर में हम भारत की आजादी के 74वें वर्षगांठ पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह मा0 सुरेश भैय्याजी जोशी को पाकर अत्यन्त आनन्दित हैं और उनके हाथ से ध्वजारोहण सुरभि शोध संस्थान परिवार को गौरवान्वित कर रहा है। मैं संघ परिवार का आभारी हुँ।
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