हमारे देश में आत्मनिर्भर भारत जैसे सकारात्मक
पहल की आवश्यकता है. आत्मनिर्भर भारत की हवा को देश के युवाओं ने आंधी में बदल
दिया. देश के युवाओं को जब यह संबल मिला कि उनके रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया
जाएगा तो प्रतिदिन भारत में कोई न कोई नए अविष्कार होने लगे. इन्हीं में से एक है
काशी के भाई-बहन प्रखर और स्वर्णिमा का प्रयोग. दोनों ने भाई बहन ने बहुचर्चित
एप्प टिक-टॉक का विकल्प रिवाइंड एप्प के रूप में ढूंढ निकाला. हाल ही में केन्द्र
सरकार ने डाटा चोरी के आरोप में बड़ी संख्या में चीनी एप्प पर देश में प्रतिबन्ध लगाया
था. इनमें देश में ख़ासा लोकप्रिय हो चुका एप्प टिक-टॉक भी था.
इंजीनियरिंग के छात्र प्रखर और एमबीए की छात्रा उनकी बहन स्वर्णिमा के साथ उनकी टीम कॉलेज बंद होने के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए इस सफलता को प्राप्त किया है. प्रखर के अनुसार टिक-टॉक के प्रति देश के युवाओं में क्रेज ज्यादा था. इस पर पाबंदी लगने के बाद इस प्रकार के दूसरे कई एप्प बड़ी कंपनियों द्वारा बनाये गये. लेकिन उनकी टीम ने बेहतर एप्प बनाने के लिए बाद में इस पर काम शुरू किया. उन्होंने आगे कहा कि हमने टीम तैयार की और मोंकाई साल्यूशन के नाम से स्टार्टअप के तहत एप्प बनाने की सोची. करीब महीने भर की मेहनत के बाद एप्प तैयार कर २४ अगस्त को लांच किया. इस टीम में प्रखर और स्वर्णिमा के अलावा जौनपुर के रजनीश गुप्ता, असिता विजय सेठी और वैष्णवी शिवहरे इनके सहयोगी बनें.
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