घटना से पूरे पूर्वांचल में जगी थी आजादी की अलख
प्रतिकात्मक चित्र |
आजादी की लड़ाई में धानापुर में घटी घटना को दूसरा चौरीचौरा कांड के रूप में याद किया जाता है. इस घटना से ब्रितानिया शासन पूरी तरह काँप उठी थी. १९४२ में घटी इस घटना से स्वतंत्रता आन्दोलन को बल मिला था. स्थानीय क्रांतिकारियों ने थाने में तिरंगा फहराने के प्रयास को लेकर पुलिस से संघर्ष किया और पुलिस वालों की हत्या के बाद पूरे थाने को फूंक दिया. इस घटना से पूरे पूर्वांचल में स्वतंत्रता की लड़ाई को बल मिली. स्थानीय लोग बताते हैं कि घटना के बाद सीओ ने एक स्थानीय व्यक्ति के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज किया. घटना के इक्कीस दिन बाद थाना आपने मूल जगह पर बनाया गया. अभियुक्त गण तीस गाँव से थे. उसका नक्शा भी आरोप पत्र के साथ दाखिल किया गया. अभियुक्तों के अधिवक्ता ने भी अभियुक्तों के बचाव में नक्शा दाखिल किया. घटना की विवेचना के बाद पुलिस ने १०४ अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया.
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