- आरोग्य भारती काशी प्रान्त द्वारा आयोजित नेत्र रक्षा विषय पर आयोजित वेबिनार में बोलें चिकित्सक
- सामान्य रूप से एक मिनट में दस से पंद्रह बार झपकाएं पलकें
कोरोना संक्रमण के कारण वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन कार्य का एक नया युग चल पड़ा है. टी.वी., मोबाइल, लैपटॉप मनोरंजन के साधन बन चुके हैं. इस कारण लोग अपना अधिकतर समय ऑन स्क्रीन बीता रहे हैं. दिनभर में लोग कई घण्टे स्क्रीन के सामने ही अपनी ऑंखें टिकाए रखते हैं. इसका दुष्प्रभाव ये हो रहा है कि इन स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक किरणों से आँखों में भारीपन, थकन, जलन, सूखापन और लाली जैसी समस्याएँ सामने आ रही हैं. उक्त बातें सोमवार को आरोग्य भारती काशी प्रान्त द्वारा आयोजित नेत्र रक्षा विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए आरोग्य भारती काशी प्रान्त के अध्यक्ष डॉ. इन्द्रनील बसु ने कही.
कार्यक्रम में उपस्थित नेत्रसर्जन डॉ. दीपक कुमार ने कहा कि लोग जब ज्यादा समय कंप्यूटर और मोबाइल पर देते हैं तो उनकी पलकें एक-एक मिनट तक झपकती ही नहीं. आँखों की तरलता कम होती है व इससे आँखों में अल्सर भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि कुछ अंतराल पर कुछ सेकंड के लिए जोर से ऑंखें भींचने से इससे बचा जा सकता है.
इस अवसर पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक ने बताया कि आँखों की पलकों को एक मिनट में सामान्य रूप से दस से पंद्रह बार झपकनी चाहिए. इससे करनीय में तरलता बनी रहती है, अन्यथा आँखों के पानी का सूखना या ड्राई आई का खतरा बढ़ सकता है. संयोजक डॉ. अवनीश ने सुझाव दिया कि आँखों की सुरक्षा के लिए स्क्रीन पर एंटी ग्लेयर फ़िल्टर का भी प्रयोग किया जा सकता है.
20-20 का फार्मूला अपनाकर करें आँखों की सुरक्षा
चौधरी ब्रम्ह प्रकाश चरक आयुर्वेद संस्थान नयी दिल्ली के डॉ. ऋजु अग्रवाल ने बताया कि लगातार देर तक काम करने से कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का खतरा रहता है. उन्होंने आँखों की सुरक्षा के लिए 20-20 फार्मूला बताया. डॉ. अग्रवाल के अनुसार 20 मिनट कंप्यूटर पर काम कर रहें है तो 20 सेकेण्ड के लिए आँखों को कंप्यूटर से हटा लें और 20 फीट की दुरी पर देखें. आँखों और स्क्रीन के बीच की दूरी कम से कम 18-30 इंच की हो. डॉ. शांतला प्रियदर्शनी ने बताया कि आँखों को पोषण प्रदान करने के लिए संतरे, धनिया पत्ती, हरी पत्तेदार सब्जियां, पुदीना, अखरोट, कद्दू, गाजर आदि का उपयोग करें.
No comments:
Post a Comment