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Saturday, February 27, 2021

राम मंदिर निधि समर्पण अभियान का समापन शनिवार को – विहिप

मकर संक्रान्ति से प्रारंभ हुए 44 दिवासीय अभियान में जुटे देशभर के करोड़ों रामभक्त

नई दिल्ली. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए दुनिया का सबसे बड़ा निधि समर्पण एवं संपर्क अभियान संत रविदास जयंती यानि शनिवार (27.02.210) को पूर्ण हो रहा है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सभी रामभक्तों से अपील की कि वे जांच करें कि परिवार का कोई सदस्य, रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी या कारोबारी सहयोगी इस पवित्र कार्य से वंचित तो नहीं रहा. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे सभी मदद करने वाले हाथ, सहायक कर्मचारी, या वे लोग जो हमारे जीवन को आसान बनाते हैं (यथा ड्राइवर, पागल, प्रेसमैन, सफाई कर्मी, नाई, मोची आदि), को भी भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य-दिव्य मंदिर से जुड़ने का यह अनुपम व पवित्र अवसर मिला या नहीं!

अभियान समापन की पूर्व संध्या पर दक्षिणी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 44 दिनों तक चले विश्व के सबसे बड़े अभियान श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान का शुभारंभ मकर संक्रांति अर्थात 15 जनवरी को हुआ था. देश की आधी आबादी को कवर करते हुए 5 लाख गांवों, कस्बों और शहरों में लाखों टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. इन स्वयंसेवकों द्वारा प्राप्त स्वैच्छिक योगदान, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के SBI / PNB / BOB खातों की स्थानीय शाखाओं में जमा किया जा रहा है. संबंधित रसीद / कूपन संख्या के साथ संग्रह विवरण को दैनिक रूप से एक एप के माध्यम से अपडेट किया जा रहा है. इस एप को ट्रस्ट द्वारा विशेष रूप से इसी उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किया गया है. बंसल ने कहा कि स्वयंसेवक गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों मिल कर उनका समर्पण करा रहे हैं ताकि कोई भी इससे वंचित ना रहे.

उन्होंने कहा कि जो लोग किसी कारणवश पुण्य कार्य से वंचित रह गए हैं, वे सभी हमारे स्थानीय अभियान दल/ उनके क्षेत्र के अभियन कार्यालय, विहिप कार्यालय/पदाधिकारियों या अन्य रामभक्तों से संपर्क कर सकते हैं ताकि वे अपना योगदान देकर रसीद/कूपन प्राप्त करे सकें. अभियान का समापन तय समय अर्थात संत रविदास जयंती यानी 27 फरवरी शनिवार को हो रहा है. लोग हमारी वेबसाइट www.vhp.org या @VHPDigital नामक ट्विटर/फेसबुक/इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं.

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए जारी की नई गाइडलाइंस

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने वीरवार को सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस की घोषणा कर दी. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने गाइडलाइंस के बारे में जानकारी दी. कैपिटल हिल हिंसा का विरोध हुआ तो लाल किले की हिंसा का भी विरोध होना चाहिए, सोशल मीडिया इसमें डबल स्टैंडर्ड नहीं अपना सकते.

उन्होंने कहा कि भारत में व्यापार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का स्वागत है, लेकिन सोशल मीडिया में ऐसे-ऐसे प्रेजेंटेशन आ रहे हैं, जो किसी भी तरह से सभ्य नहीं कहे जा सकते हैं. ऐसी शिकायतें हमारे पास बहुत आई थीं. सोशल मीडिया यूजर्स की समस्या के समाधान के लिए फोरम होना चाहिए. सोशल मीडिया का उपयोग नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है. सोशल मीडिया का उपयोग आतंकी भी कर रहे हैं. सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की कई सालों से शिकायतें आ रही हैं.

भारत में WhatsApp के 53 Crore, YouTube के 44.8 Crore, Facebook के 41 Crore, Instagram के 21 Crore, Twitter के 1.75 Crore उपयोगकर्ता हैं.

1.     नई गाइडलाइंस के अनुसार सोशल मीडिया को एक शिकायत सेल बनाना होगा

2.     कोईकंटेंट हटाने से पहले उसका कारण बताना जरूरी होगा

3.     शिकायत करने पर आपत्तिजनक पोस्ट को 24 घंटे में हटाना होगा

4.     हर महीने शिकायत पर कार्रवाई की जानकारी देनी होगी

5.     सोशल मीडिया के ये नियम तीन महीने के अंदर लागू होंगे

6.     चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी, जो नियमों के कप्लांयस को लेकर जिम्मेदारी होगा

7.     एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन की भी नियुक्ति करनी होगी, जो 24X7 लॉ इनफोर्समेंट एजेंसियों से तालमेल बैठाकर रखेगा

8.     नियुक्त किए गए ये दोनों अधिकारी भारत में रहने वाले होंगे

9.     रेजिडेंट ग्रीविएंस अधिकारी की भी नियुक्ति करनी होगी

10.                        सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी होगी

OTT के लिए नई गाइडलाइंस 

सोशल मीडिया के साथ ही OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए भी गाइडलाइंस जारी की. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मीडिया के हर प्लेटफॉर्म के लिए नियम जरूरी है. OTT कंपनियों से कहा गया था कि वो न्यूज मीडिया की तरह एक सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकीं. मीडिया की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है, फिल्मों के लिए एक सेंसर बोर्ड होता है, लेकिन OTT के लिए ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है. इसलिए एक मैकेनिज्म तैयार होना चाहिए. डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को झूठ और अफवाह फैलाने का कोई हक नहीं है.

1.     दर्शकों की उम्र के हिसाब से कंटेंट के वर्ग बनाए जाएंगे

2.     OTT कंटेंट की पांच कैटेगरी बनाई जाएंगी

3.     U, U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+, और A कैटेगरी होगी

4.     डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैरेंटल लॉक की सुविधा देनी होगी

5.     एथिक्स कोड टीवी, सिनेमा जैसा ही होगा

6.     OTT प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी

7.     फर्जी कंटेंट डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी

स्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत 

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम बहुसंख्यकों के देवी देवताओं का अपमान नहीं किया जा सकता

प्रयाग. तांडव वेब सीरीज के प्रसारण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अमेजन सेलर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की इंडिया हेड को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया, साथ ही तल्ख टिप्पणी की. इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को अग्रिम जमानत देने से इन्कार करते हुए न्यायालय ने कहा कि व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का हनन नहीं कर सकती.

न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अग्रिम जमानत के लिए विवेचना में सहयोग करना पहली शर्त है. याची लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में न्यायालय से राहत मिलने के बाद विवेचना में सहयोग नहीं कर रही. उसके आचरण से स्पष्ट है कि वह कानून का सम्मान करना नहीं जानती, जो बहुसंख्यक समुदाय के मूल अधिकारों का सम्मान नहीं करते, वे अपने मूल अधिकारों की सुरक्षा की मांग नहीं कर सकते. उच्च न्यायालय ने तांडव नाम को ही भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया और अपर्णा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.

एकल पीठ के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अपने विस्तृत फैसले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि फिल्म निर्माताओं, प्रकाशकों को लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. पश्चिमी देशों के फिल्म निर्माताओं का हवाला देते हुए कहा कि वे जीसस व मोहम्मद पर फिल्म नहीं बनाते, किंतु हिंदी फिल्में हिंदू देवी देवताओं को लेकर बनायी जाती हैं.

उच्च न्यायालय ने कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया की पढ़ी, 15 साल फिल्म जगत से जुड़ी और पत्रकारिता कोर्स कर चुकी याची ने जेएनयू दिल्ली के छात्रों के आपत्तिजनक नारों को भी शामिल किया है, जो भारतीयों को असहिष्णु बताता है और जिसमें भारत को रहने लायक देश न होने की छवि पेश करने की कोशिश की गई है. न्यायालय ने कहा कि इस सीरीज को लेकर देश में 10 एफआइआर व चार आपराधिक केस दर्ज हुए हैं.

अमेजन प्राइम पर ऑनलाइन सीरीज के डायरेक्टर सह अभियुक्त अली अब्बास हैं. याची के खिलाफ गौतम बुद्धनगर, ग्रेटर नोएडा के राबूपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है, जिसके तहत अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. अमेजन प्राइम पर रिलीज सैफ अली खान अभिनीत वेब सीरीज तांडवमें देवताओं की छवि खराब की है. अमेजन प्राइम भारत की प्रमुख अपर्णा पुरोहित सहित वेब सीरीज से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ लखनऊ, गौतमबुद्धनगर व अन्य जिलों में एफआइआर दर्ज की गई है. इनके ऊपर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का आरोप है.

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

Friday, February 26, 2021

उत्तरप्रदेश – विस में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2021 पारित

उत्तरप्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2021  बुधवार को विधानसभा में पारित कर दिया गया. विधानसभा में ध्वनिमत से यह विधेयक पारित किया गया. विधानसभा से पास होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार पहले अध्यादेश लेकर आई थी. अध्यादेश के नियमों के तहत सरकार को 6 महीने के अंदर सदन में बिल पेश कर प्रस्ताव पास कराना होता है.

उत्तरप्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2021 के अनुसार उत्तरप्रदेश में गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या पहचान छिपाकर शादी करने के मामले में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है.

विधेयक के अनुसार शादी से पूर्व धर्म परिवर्तन के लिए 2 महीने पहले नोटिस देना होगा. अगर कोई अपना नाम और धर्म छिपाकर शादी करता है, तो इस स्थिति में उसे 10 साल की जेल की सजा हो सकती है. महिला, SC/ST या वल्नरेबल ग्रुप का अवैध रूप से धर्म परिवर्तित कराने पर 2 साल से 10 साल तक की जेल की हो सकती है.

धर्म छिपाकर शादी करने पर 10 साल तक की सजा है. 15000 से 50000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन को अवैध घोषित किया गया है. धर्मगुरु अगर धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. जो धर्म परिवर्तन करेगा उसे भी जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. अगर कोई सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना हो सकता है. अगर कोई संगठन ऐसा कराता है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है.

सजा का प्रावधान

विधेयक पटल रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कई मामलों में ऐसा पाया गया कि धर्म परिवर्तित कर धोखाधड़ी कर शादी की जा रही है. जिस पर सजा का प्रवाधान किया गया है. झूठ बोलकर, धोखा देकर धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा. स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के मामले में दो महीने पहले मजिस्ट्रेट को बताना होगा.

विस उपचुनाव के दौरान की थी घोषणा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल विधानसभा उपचुनाव के दौरान धर्मांतरण विरोधी कानून लाने का ऐलान किया था. इसके बाद 24 नवंबर को योगी कैबिनेट द्वारा अध्यादेश को पारित किया गया था. 28 नवंबर को राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही प्रदेश में अध्यादेश को कानून के रूप में लागू कर दिया गया. नियमानुसार किसी भी अध्यादेश को छह महीने के भीतर विधान मंडल से पारित कराना होता है. लिहाजा बुधवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित हो गया है. इसके बाद विधान परिषद में सरकार इसे पारित कराएगी. विधान परिषद में पारित होने के बाद राज्यपाल का हस्ताक्षर होगा. उनके हस्ताक्षर के साथ ही कानून के रूप में लागू हो जाएगा.

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

प्राध्यापक ने हिन्दी में तैयार किया शिवचरित्र

 

पिछले साल जुलाई में एक स्टैंड-अप कॉमेडियन ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की थीं. घटना के पश्चात महाराष्ट्र सहित देशभर में छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानने वाले लोगों में रोष था. कॉमेडियन की इस हरकत का उसी के माध्यम से सकारात्मक उत्तर देने का निश्चय किया मुंबई के प्राध्यापक एवं साहित्यकार आदित्य दवणे ने. आदित्य ने छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन जन सामान्य तक पहुंचाने के उद्देश्य से शिवचरित्र को हिन्दी में प्रस्तुत किया तथ यू ट्यूब पर (दृश्य-श्रव्य) प्रसारित कर रहे हैं.

आदित्य दवणे मुंबई के वझे केळकर महाविद्यालय में प्राध्यापक है. अमराठी भाषियों को भी छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्यपूर्ण एवं रोमहर्षक जीवनगाथा का परिचय हो, इसलिये अत्यंत सरल भाषा में हिंदी शिवचरित्र लोगों तक पहुंचा रहे हैं. इस प्रकल्प में उन्हें महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं उनके छात्रों का भी सहयोग मिल रहा है. शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे की सुप्रसिद्ध पुस्तक राजा शिवछत्रपति के आधार पर उन्होंने वीडियो बनाए हैं.

शिवचरित्र धारावाहिक का वीडियो प्रत्येक रविवार को जारी किया जाता है. जिसमें विभिन्न घटनाओं का जिक्र है. आदित्य की मातृभाषा मराठी होने के कारण महाविद्यालय के हिंदी विषय के प्राध्यापक भरत ने हिंदी संस्करण अधिकाधिक शुद्ध करने में उनकी सहायता की. शिवचरित्र मालिका के १५ एपिसोड प्रसारित हो चुके है एवं २० अन्य तैयार हैं. इतिहास विषय मार्गदर्शन एवं ऐनिमेशन के लिये ऐतिहासिक पुस्तकों के लेखक कौस्तुभ कस्तुरे ने सहायता की है.

http://www.youtube.com/adityadavane चैनल पर हिंदी में शिवचरित्र सुन सकते हैं.

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

Thursday, February 25, 2021

सहेजी जाएगी राम मंदिर के नींव की मिट्टी

 पुरातात्विक महत्व से युक्त है राम जन्मभूमि की मिट्टी, आस्था के साथ अध्ययन की संभावना

    राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खोदाई में निकली रामजन्मभूमि की मिट्टी आस्था से जुड़ी होने के साथ पुरातात्विक अध्ययन की संभावनाओं से युक्त है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नींव के खनन में निकलने वाली मिट्टी धरोहर की तरह रामजन्मभूमि परिसर में ही स्थित कुबेर टीला एवं परिसर से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित रामसेवकपुरम में सहेज रहा है। रामजन्मभूमि की सतह से जुड़ी पुरातात्विक संभावनाएं गत वर्ष रामजन्मभूमि के इर्द-गिर्द चल रहे समतलीकरण के दौरान बड़ी मात्रा में मिली पुरासामग्रियों से होती है। प्राप्त पुरावशेष में कलश, एक दर्जन से अधिक मूर्तियुक्त पाषाण स्तंभ, देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, नक्काशीदार शिवङ्क्षलग, प्राचीन कुआं आदि शामिल थे। जिस गर्भगृह में रामलला विराजमान थे, वहां विक्रमादित्ययुगीन मंदिर था और यह समीकरण समतलीकरण के दौरान मिले अवशेष से और पुख्ता हुआ। जन्मभूमि परिसर में रामलला के मंदिर के अलावा कई अन्य देवी-देवताओं के प्राचीन पौराणिक मंदिर सहित आधा दर्जन मंदिरों के अवशेष भी समाहित है जिन्हें 28 वर्ष पूर्व सही सलामत अधिग्रहित कर 67.77 एकड़ के परिसर में शामिल किया गया था।

    समतलीकरण में मिले सात ब्लैक टच स्टोन का समीकरण कसौटी के स्तंभ से जोड़कर देखा जा रहा है। मान्यता है कि विक्रमादित्य ने दो हजार वर्ष पहले जिस मंदिर का निर्माण कराया था, वह कसौटी के ऐसे ही स्तंभों पर टिका था। साकेत महाविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कविता सिंह कहती हैं, यह पहले से तय है कि रामजन्मभूमि परिसर में स्वर्णिम अतीत की भरी-पूरी पटकथा है और उसे पूरी समग्रता से सामने लाने की जरूरत है और ऐसे किसी प्रयास में राम जन्मभूमि की सतह से प्राप्त मिट्टी का पुरातात्विक अध्ययन सहायक सिद्ध होगा उनका सुझाव है कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को निर्माण के दौरान पुरातात्विक धरोहरों को संरक्षित करने के साथ अतीत के संकेतों को ध्यान में भी रखकर निर्माण की दिशा तय करनी होगी।

चार सौ गुणे ढाई सौ वर्ग फीट में हो रहा खनन

    राममंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि सहित उसके इर्द-गिर्द की चार सौ फीट लंबी और ढाई सौ फीट चौड़ी भूमि पर खनन इसी वर्ष 15 जनवरी से चल रहा है। नींव की कार्य योजना के अनुसार खनन 12 फीट गहराई तक होना है और गत  सवा माह के दौरान खनन का आधा से अधिक काम हो भी चुका है। इस दौरान सैकड़ों ट्रक मिट्टी निकाली जा चुकी है, जिसे रामसेवकपुरम एवं कुबेर टीला पहुंचाए जाने का सिलसिला जारी है।

राम मंदिर के साथ त्रेतायुग इन धरोहर की पूरी पांत

    रामनगरी के पारंपरिक अतीत और पुराणों के शोधार्थी आचार्य रामदेवदास शास्त्री कहते हैं कि भव्य मंदिर निर्माण के साथ इस परिक्षेत्र का समुचित पुरातात्विक और पौराणिक सर्वेक्षण होना चाहिए। शास्त्री के अनुसार राम मंदिर के अलावा इस परिक्षेत्र में त्रेतायुगीन धरोहरों की पूरी पांत दफन है और कला संस्कृति एवं परंपरा के अनुरागी के तौर पर इसे जीवंत होते देखना अत्यंत गौरव में होगा।

"नींव की खुदाई में निकली राम जन्मभूमि  की यह मिट्टी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इसे सामान्य मिट्टी की तरह अपने हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता। यह एक धरोहर है, इसलिए इसे सहेजा जाएगा।"   - डॉ. अनिल मिश्र तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य

- साभार दैनिक जागरण

 

Wednesday, February 17, 2021

हिंदी भाषा को न्यायालय की भाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे महामना जी - अजीत महापात्र

 काशी हिंदू विश्वविद्यालयके स्थापन उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के दक्षिण भाग द्वारा आयोजित पथ संचलन

काशी देश में हिंदी भाषा को प्राथमिकता देने का सर्वप्रथम पहल महामना मदन मोहन मालवीय जी ने किया था। पांच वर्ष की आयु से संस्कृत बोलने वाले मदन मोहन मालवीय ने वकालत के दौरान जब अंग्रेजी, पारसी और उर्दू भाषा का प्रयोग न्यायालय में देखा तो वे समझ गये की जब तक नागरिक अर्थात हिंदी भाषा का प्रयोग न्यायालय में नहीं होता तब यह प्रभावहीन रहेगा। उक्त विचार काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्थापन उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के दक्षिण भाग द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति आयोजित होने वाले पथ संचलन के कार्यक्रम में अखिल भारतीय सह गौसेवा संयोजक मा. अजीत प्रसाद महापात्र ने अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किया।

कार्यक्रम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर ग्राउंड पर विश्वविद्यालय के कुलगीत से आरम्भ किया गया। तत्पश्चात एकल गीत प्रस्तुत करने के बाद पथ संचलन हेतु उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए श्री महापात्र ने कहा कि मालवीय जी का जन्म सामान्य और उत्कृष्ट संस्कारयुक्त परिवार में हुआ था, ये उनके पारिवारिक संस्कार थे कि अपने धर्म के प्रति उनमें बहुत आस्था थी। एक बार मालवीय जी को एक पादरी द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था कि अपना क्रिश्चियन धर्म बहुत अच्छा है तुम इसे स्वीकार करो। तब मालवीय जी ने पादरी से कहा "हिन्दू धर्मः सर्श्रेष्ठ धर्मः"। अपना धर्म छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहिए। इसके बाद स्वयंसेवकों द्वारा अनुशासन और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए एक विशाल पथ संचलन निकाली गई। यह संचलन एग्रीकल्चर ग्राउंड से आरंभ कर सर सुंदरलाल चिकित्सालय चौराहासिंह द्वार होते हुए विश्वविद्यालय स्थापना स्थल पर पहुंची। इस दौरान घोष दल द्वारा किया जा रहा घोष वादन लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। स्थापना स्थल पर मां सरस्वती पूजन कर स्वयंसेवकों ने वंदेमातरम गीत से मां भारती का वंदन कर कार्यक्रम का समापन किया।

      इस दौरान क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र सक्सेना, दक्षिण भाग प्रचारक प्रवेश जी, विश्व संवाद केन्द्र प्रमुख राघवेन्द्र, विभाग संघचालक जेपी लाल, सह प्रान्त कार्यवाह राकेश तिवारी समेत सैकड़ो स्वयसेवक उपस्थित रहे।


Monday, February 15, 2021

किसान हमारा वैज्ञानिक और खेत उसकी प्रयोगशाला – डॉ. मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि भारत का किसान वैज्ञानिक है और खेत उसकी प्रयोगशाला. पिछले दस हजार वर्षों से यहां खेती की परंपरा रही है. दुनिया में सबसे प्रभावी कृषि भारत की ही थी. जिन देशों ने खेती के क्षेत्र में बाद में कदम रखा, खेतों की अंधाधुन उत्पादकता बढ़ाई; वहां आज कृषि के क्षेत्र में काफी बुरा अनुभव देखने को मिल रहा है. सरसंघचालक मुजफ्फरपुर के औराई स्थित जैविक खेती के प्रकल्प को देखने के बाद संबोधित कर रहे थे.

आज सरसंघचालक जी ने दो कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. सुबह औराई स्थित गोपाल शाही के जैविक कृषि प्रकल्प को देखने गये थे. वहां उन्होंने अपना उद्बोधन भी दिया. दोपहर के बाद शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास समिति द्वारा निर्मित मधुकर निकेतन का उद्घाटन किया. मुजफ्फरपुर के कलमबाग चौक के समीप बने इस भवन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह भवन भारतीय परंपरा के अनुरूप है, सुंदर है, परंतु भड़कीला नहीं. आगामी 20 वर्षों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर इसे निर्मित किया गया है. उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि सबके प्रति सेवा के लिए तत्पर रहें. भारतीय परंपरा में अपने समाज के लिए काम करने की बात कही जाती है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत अनादिकाल से विश्व को ज्ञान देता रहा है. भविष्य में भी यह विश्व को ज्ञान देगा. समन्वयक जीवन जीने की पद्धति भारत की देन है. प्रेम और धर्म के साथ अपना पोषण करने की कला भारत दुनिया को सिखलाता रहा है. उन्होंने इस अवसर पर शताब्दी से सहस्राब्दी तकपुस्तक का विमोचन भी किया. भवन के निर्माण में तकनीकी सहयोग देने वाले लोगों को सम्मानित भी किया. 

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत 

Sunday, February 14, 2021

धन्य भाग्य हमारे कि श्रीराम मंदिर के लिए समर्पण का अवसर मिला

प्रतापगढ़। स्वयं को वंचित मान रहे मोची समाज की खुशी उस वक्त देखते बन रही थी जब उन्हें आभास हुआ कि श्रीराम मंदिर के निर्माण में उनकी भी सहभागिता हो सकती है। प्रतापगढ़ जिला प्रचार प्रमुख ने बताया कि रविवार को श्रीराम मंदिर निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत लोगों से संपर्क करने के लिए निकली टोली गली-गली होते हुए मोची बंधुओं के पास पहुंची। कार्यकर्ताओं ने जब मोची बंधुओं से पूछा  कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए आप कुछ समर्पित करेंगे तो उन्होंने कहा कि धन्य भाग्य हमारे कि हमें भव्य श्रीराम मंदिर के लिए समर्पण करने का अवसर मिलेगा। हम खुशी खुशी अपना समर्पण करेंगे।

उक्त अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए काशी प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने कहा कि हिंदू समाज का प्रत्येक व्यक्ति भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण में सहभागी हो रहा है |जन जन के अंदर उत्साह का वातावरण है |समाज  के सभी राम भक्तों द्वारा अथक परिश्रम करके प्रत्येक परिवार और प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचा जा रहा है |भगवान श्री राम हम सब के आराध्य हैं, भगवान राम के आदर्श और जीवन दर्शन हम सबके लिए प्रेरणा पुंज हैं| उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिलकर इस महाअभियान को चरमोत्कर्ष पर पहुंचाएं और भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के साक्षी  और सहभागी बने |इस अवसर पर विभाग  प्रचारक प्रतोश ,जिला कार्यवाह डॉक्टर सौरभ पांडेय ,जिला प्रचार प्रमुख प्रभा शंकर पांडेय, अभियान प्रमुख राजन शिव शंकर सिंह ,डॉक्टर अखिलेश पांडे ,नगर संघचालक मुरलीधर केसरवानी ,सह नगर संघचालक नितेश खंडेलवाल, सह नगर कार्यवाह सर्वोत्तम ,अशोक शर्मा, दिनेश अग्रहरी, रजनीश ,संजीव आहूजा ,शरद केसरवानी ,सीतांशु ओझा आदि उपस्थित रहे |