नई दिल्ली.
केंद्र सरकार ने वीरवार को सोशल मीडिया, ओटीटी
प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस की घोषणा कर दी. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद
और प्रकाश जावड़ेकर ने गाइडलाइंस के बारे में जानकारी दी. कैपिटल हिल हिंसा का
विरोध हुआ तो लाल किले की हिंसा का भी विरोध होना चाहिए, सोशल मीडिया इसमें डबल स्टैंडर्ड नहीं अपना
सकते.
उन्होंने कहा कि
भारत में व्यापार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का स्वागत है, लेकिन सोशल मीडिया में ऐसे-ऐसे प्रेजेंटेशन आ
रहे हैं, जो किसी भी तरह से सभ्य नहीं कहे जा सकते हैं.
ऐसी शिकायतें हमारे पास बहुत आई थीं. सोशल मीडिया यूजर्स की समस्या के समाधान के
लिए फोरम होना चाहिए. सोशल मीडिया का उपयोग नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है.
सोशल मीडिया का उपयोग आतंकी भी कर रहे हैं. सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की कई
सालों से शिकायतें आ रही हैं.
भारत में WhatsApp के 53 Crore, YouTube के 44.8 Crore, Facebook के 41 Crore, Instagram के 21 Crore, Twitter के 1.75 Crore उपयोगकर्ता हैं.
1.
नई गाइडलाइंस के अनुसार सोशल मीडिया को एक
शिकायत सेल बनाना होगा
2.
कोईकंटेंट हटाने से पहले उसका कारण बताना जरूरी
होगा
3.
शिकायत करने पर आपत्तिजनक पोस्ट को 24 घंटे में हटाना होगा
4.
हर महीने शिकायत पर कार्रवाई की जानकारी देनी
होगी
5.
सोशल मीडिया के ये नियम तीन महीने के अंदर लागू
होंगे
6.
चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी, जो नियमों के कप्लांयस को लेकर जिम्मेदारी होगा
7.
एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन की भी नियुक्ति करनी
होगी, जो 24X7 लॉ इनफोर्समेंट
एजेंसियों से तालमेल बैठाकर रखेगा
8.
नियुक्त किए गए ये दोनों अधिकारी भारत में रहने
वाले होंगे
9.
रेजिडेंट ग्रीविएंस अधिकारी की भी नियुक्ति
करनी होगी
10.
सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी
होगी
OTT के लिए नई
गाइडलाइंस
सोशल मीडिया के
साथ ही OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए भी गाइडलाइंस जारी की.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मीडिया के हर प्लेटफॉर्म के लिए नियम जरूरी है. OTT कंपनियों से कहा गया था कि वो न्यूज मीडिया की
तरह एक सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, लेकिन वो ऐसा
नहीं कर सकीं. मीडिया की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है, फिल्मों के लिए एक सेंसर बोर्ड होता है, लेकिन OTT के लिए ऐसा कोई
मैकेनिज्म नहीं है. इसलिए एक मैकेनिज्म तैयार होना चाहिए. डिजिटल मीडिया
प्लेटफॉर्म को झूठ और अफवाह फैलाने का कोई हक नहीं है.
1.
दर्शकों की उम्र के हिसाब से कंटेंट के वर्ग
बनाए जाएंगे
2.
OTT कंटेंट की पांच
कैटेगरी बनाई जाएंगी
3.
U, U/A
7+, U/A 13+, U/A 16+, और A कैटेगरी होगी
4.
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैरेंटल लॉक की सुविधा
देनी होगी
5.
एथिक्स कोड टीवी, सिनेमा जैसा ही होगा
6.
OTT प्लेटफॉर्म्स को
सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी
7.
फर्जी कंटेंट डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
स्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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