प्रयाग.
तांडव वेब सीरीज के प्रसारण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद
उच्च न्यायालय ने अमेजन सेलर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की इंडिया हेड को अग्रिम
जमानत देने से इंकार कर दिया, साथ ही तल्ख टिप्पणी की. इंडिया हेड
अपर्णा पुरोहित को अग्रिम जमानत देने से इन्कार करते हुए न्यायालय ने कहा कि
व्यक्ति की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बहुसंख्यक लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के
मूल अधिकारों का हनन नहीं कर सकती.
न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए
कहा कि अग्रिम जमानत के लिए विवेचना में सहयोग करना पहली शर्त है. याची लखनऊ की
हजरतगंज कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में न्यायालय से राहत मिलने के बाद विवेचना
में सहयोग नहीं कर रही. उसके आचरण से स्पष्ट है कि वह कानून का सम्मान करना नहीं
जानती, जो
बहुसंख्यक समुदाय के मूल अधिकारों का सम्मान नहीं करते, वे
अपने मूल अधिकारों की सुरक्षा की मांग नहीं कर सकते. उच्च न्यायालय ने तांडव नाम
को ही भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया और अपर्णा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर
दी.
एकल पीठ के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने
अपने विस्तृत फैसले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि
फिल्म निर्माताओं, प्रकाशकों
को लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. पश्चिमी देशों के फिल्म
निर्माताओं का हवाला देते हुए कहा कि वे जीसस व मोहम्मद पर फिल्म नहीं बनाते, किंतु
हिंदी फिल्में हिंदू देवी देवताओं को लेकर बनायी जाती हैं.
उच्च न्यायालय ने कहा कि जामिया मिलिया
इस्लामिया की पढ़ी, 15 साल
फिल्म जगत से जुड़ी और पत्रकारिता कोर्स कर चुकी याची ने जेएनयू दिल्ली के छात्रों
के आपत्तिजनक नारों को भी शामिल किया है, जो भारतीयों को असहिष्णु बताता है और
जिसमें भारत को रहने लायक देश न होने की छवि पेश करने की कोशिश की गई है. न्यायालय
ने कहा कि इस सीरीज को लेकर देश में 10 एफआइआर व चार आपराधिक केस दर्ज हुए हैं.
अमेजन प्राइम पर ऑनलाइन सीरीज के
डायरेक्टर सह अभियुक्त अली अब्बास हैं. याची के खिलाफ गौतम बुद्धनगर, ग्रेटर
नोएडा के राबूपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है, जिसके
तहत अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. अमेजन प्राइम पर रिलीज सैफ अली खान अभिनीत
वेब सीरीज ‘तांडव’ में
देवताओं की छवि खराब की है. अमेजन प्राइम भारत की प्रमुख अपर्णा पुरोहित सहित वेब
सीरीज से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ लखनऊ, गौतमबुद्धनगर व अन्य जिलों में एफआइआर
दर्ज की गई है. इनके ऊपर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने का
आरोप है.
स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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