काशी/ कहा जाता है कि बच्चे भगवान् का स्वरूप होते हैं और इसी मान्यता अनुसार हमारे
देश में नवरात्री और श्रीरामनवमी जैसे अनेक पर्वों पर अनेक लोग देवी-देवताओं की
तरह इन बच्चों की पूजा भी करते हैं। लेकिन जब इन्हीं बच्चों को आप रामकाज में समर्पित देखेंगे
तो एक बार आप भी भाव-विभोर हो जाएंगे।
काशी में भी मंगलवार को श्रीराम
जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण अभियान के
अन्तर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम में ऐसा ही हुआ। जब कार्यकर्ता रामनगर के पंचवटी
रामलीला मैदान के पास सेवा बस्ती में पहुंचे तो वहां काम करने वाले श्रमिकों को
निधि समर्पण अभियान के बारे बताया। लोग अपनी आस्था अनुसार श्रद्धानिधि समर्पित
करने लगे इसी दौरान इन कार्यकर्ताओं के लिए एक असमंजस की स्थिति तब उत्पन्न हो गयी
जब कुछ स्थानीय छोटे-छोटे बच्चे अपना समर्पण देने कतारबद्ध होकर बैठ गये। वहां
उपस्थित इस भावुक क्षण को देख काशी प्रान्त प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने
कार्यकर्ताओं को संघ गीत "चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है, हर
बाला देवी की प्रतिमा बच्चा-बच्चा राम है" का स्मरण कराते हुए कहा कि जिस
राष्ट्र की बेटियों में देवी और बालकों में राम की छवि देखी जाती है उस राष्ट्र के
मंदिर श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए स्वयं देवतुल्य ये बच्चे आगे आ रहे हैं तो
हमें इनका समर्पण अवश्य स्वीकार करना चाहिए। सेवा भारती के विनोद जी ने कहा कि
अभियान के दौरान प्रतिदिन कुछ न कुछ ऐसा दृश्य देखने को मिल रहा है जो न केवल हम
सभी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करता है बल्कि विश्व को श्रीराम के व्यक्तित्व और
उनकी महत्ता को भी दर्शाता है।
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