विभाग प्रचारक ने स्वयंसेवकों से शाखा स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए किया आह्वान
सोनभद्र| रविवार को अमृता देवी स्मृति में प्रकृति पूजन
कार्यक्रम (संगोष्ठी) का अयोजन श्री रामलीला मैदान सोनभद्र नगर किया गया। पर्यावरण
संरक्षण गतिविधि की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अमृता
देवी पर विषय रखते हुए कृष्णमोहन जी (प्रान्त संयोजक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि) ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण जिसके अंतर्गत
मिट्टी, पानी, हवा, ध्वनि प्रदूषण
आता है, आज चारों अत्यधिक प्रदूषित हो चुके हैं| कहीं की मिट्टी को खोदिए, शुद्ध
मिट्टी नहीं मिलेगी| कहीं का जल लीजिए, शुद्ध नहीं मिलेगा, हवा कहीं शुद्ध
नहीं मिलेगा और कहीं शांति नहीं मिलेगी अर्थात शोर-शराबा का माहौल है। ग्लोबल
वार्मिंग के कारण पृथ्वी आग का गोला बनता जा रहा है, पानी जहरीला होता जा रहा है। हवा में ग्रीन
हाउस गैसों की मात्रा अत्यधिक है ऐसी स्थिति में संपूर्ण मानव जाति को ग्लोबल
वार्मिंग की मार झेलनी पड़ रही है| दूषित जल प्रयोग सब की मजबूरी है| मिट्टी
जहरीली होने के कारण कोई भी खाद्य पदार्थ शुद्ध नहीं रह गए हैं। ध्वनि प्रदूषण के
कारण कहीं भी शांति और सुकून का वातावरण नहीं है| ऐसी स्थिति में अमृता देवी का
स्मरण और उनके कार्यों का अनुसरण हम सबको इस विश्वव्यापी जटिल समस्या से मुक्ति
दिलाएगा| अमृता देवी ने जिनकी आयु मात्र 42 वर्ष थी 1730 में हरे पेड़ों को बचाने के लिए अपने सहित अपने तीन
पुत्रियों जिनकी आयु 8
,10 और 12 वर्ष की अपने सिर
को कटवा दिया था और उनका अनुसरण करते हुए 363 लोग बलिदान हुए थे हरे पेड़ों को बचाने के लिए जिसमें 71 नारी शक्तियां थी|
विश्व पर्यावरण के इतिहास में इतना बड़ा बलिदान आज तक नहीं हुआ है| यह संपूर्ण
नारी जगत ही नहीं अपितु मानव जाति के लिए गौरव की बात है कि हमारे पूर्वजों ने
हमारे भलाई के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। कोरोना के दूसरे लहर में सबसे अधिक
ऑक्सीजन के लिए ही हाहाकार मचा हुआ था ऑक्सीजन हमें पेड़ों से ही मिलते हैं जो
पृथ्वी पर न्यूनतम से भी न्यूनतम स्थिति में है| पर्यावरण प्रदूषण रूपी विश्वव्यापी
जटिल समस्या से मुक्ति पृथ्वी पर हरियाली बढ़ाने से ही मिलेगी| मुख्य वक्ता ने लोगों से आग्रह किया कि जितना भी
हो सके हमें पृथ्वी पर हरियाली को बढ़ाने के लिए पेड़ों की सुरक्षा का मुकम्मल
प्रबंध करने के बाद अधिक से अधिक रोपण और उसकी चिंता करना आवश्यक है क्योंकि हमारे
बिना पेड़ तो जीवित रह लेंगे लेकिन पेड़ के बिना हम जीवित नहीं रह पाएंगे।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने "पेड़ बचाओ, पेड़ लगाओ-मानव
जाति को बचाओ" का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में
उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक प्रवेश जी ने सभी स्वयंसेवकों
से शाखा स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य करने का आह्वान किया
ताकि पर्यावरण को नष्ट होने से बचाया जा सके| कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व शांति के
लिए वैदिक मंत्रोचार, वृक्ष आरती के
साथ ही प्रारंभ हुआ। हर्ष अग्रवाल जी, नंदलाल जी एवं पंकज जी ने
कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों के प्रतिनिधि के रूप में पौधे को रक्षा
सूत्र बांधकर के प्रकृति अर्थात पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों
सहित अनेक स्थानीय लोग उपस्थित रहे| वंदे मातरम गीत के साथ कार्यक्रम का समापन किया
गया।
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