काशी| शनिवार को वाराणसी में अखिल भारतीय ग्राहक
पंचायत, काशी प्रान्त की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में अ.भा. संगठन मंत्री दिनकर
सबनीस ने कहा कि देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के सामने आज शुद्ध पेयजल की उपलब्धि एक
महत्वपूर्ण मुद्दा है। ग्राहक पंचायत का स्पष्ट मत है कि प्रत्येक नागरिक को पीने
का शुद्ध जल निश्चित रूप से उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों
जैसे नगर पालिका, नगर निगम, ग्राम पंचायत आदि
की जिम्मेदारी तय होना चाहिए कि वह अपने क्षेत्र के समस्त नागरिकों के शुद्ध पेय
जल की सुविधा का ध्यान रखें। इस हेतु स्थानीय निकाय स्पष्ट नीति बनाकर इस
अतिआवश्यक मुद्दे को हल करने का प्रयास करें। बोतलबंद पानी और R.O./फिल्टर के बढ़ते
व्यापार के बीच आम गरीब ग्राहक जो खरीद कर नहीं ले सकता वह पीने के शुद्ध पानी के
लिए ना तरस जाए यह ध्यान रखना स्थानीय निकायों का कर्तव्य है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लिए
निर्णय के अनुसार स्वर्ण आभूषण विक्रेताओं के लिए देश के 256 जिलों में छह
अंकों वाले कोड के हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया गया है। हॉलमार्क वाले जेवर
खरीदने पर ग्राहक को धोखा होने की संभावना नहीं रहेगी। यह बहुत सकारात्मक कदम है
किंतु ग्राहक पंचायत का मत है कि इसे देश के सभी जिलों में लागू किया जाना चाहिए।
भारतवर्ष में 700 से अधिक जिले
हैं फिर 450 जिलों के ग्राहक
क्यों अशुद्ध आभूषण अधिक मूल्य पर खरीदें ? संगठन की मांग है
कि पक्का बिल देना सभी विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए अनिवार्य किया जाना
चाहिए। पक्के बिल से ग्राहकों को धोखाधड़ी के प्रति सुरक्षा तो हासिल होगी ही साथ
ही वे कर चुका कर देश के विकास में भी भागीदार बन सकेंगे।
ग्राहक पंचायत
लम्बे समय से पेट्रोल- डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने की मांग कर रही
है। वर्तमान में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार के कर होने से पेट्रोल/डीजल
के दामों में काफी अंतर रहता है इस कारण जिन राज्यों में दर कम रहती है वहां दूसरे
राज्यों के वाहन अधिकतम इंधन खरीद कर वापस लौटते हैं और पेटोल पम्प मालिकों को
नुकसान भी होता है। ऐसे में यदि इन उत्पादों पर जी.एस.टी लागू किया जाए तो सभी
राज्यों में समान दर रहेगी और मूल्य नियंत्रित रहने से अंततः ग्राहक को भी लाभ
होगा। परिवहन लागत नियंत्रण में रहने से अन्य वस्तुओं की महंगाई पर भी प्रभावी रोक
लगेगी। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग है कि पेट्रोल
और डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने के लिये प्रस्ताव कौंसिल में प्रस्तुत करे
और समस्त राज्य सरकारों के मुख्य मंत्रीयों से आग्रह करती है कि वे ग्राहकों के
हित में इस प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन करे।
एम.आर.पी. को लेकर बाजार में अधिकांशतः असमंजस बना रहता है।
कई वस्तुएं एम.आर.पी. से भी ज्यादा मूल्य पर विक्रय होती हैं तो कई वस्तुएं
एम.आर.पी. मूल्य से आधे बल्कि चौथाई मूल्य तक मिल जाती हैं। ऐसी स्थिति में ग्राहक
के ठगे जाने की सम्भावना बनी रहती है। विशेषकर दवाइयों के मूल्य में एम.आर.पी. और वास्तविक
मूल्य का अंतर अत्यधिक देखा गया है। मरीज और उसके परिजन वैसे ही मानसिक और आर्थिक
रूप से त्रस्त रहते हैं उस पर एम.आर.पी. की धोखाधड़ी उन पर बहुत भारी गुजरती है।
जिस प्रकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय होने पर अपनी लागत पर
एक निश्चित मुनाफा प्राप्त हो जाता है, उसी प्रकार ग्राहक पंचायत सभी औद्योगिक उत्पादन पर भी एक
राष्ट्रव्यापी मूल्य निर्धारण नीति चाहती है ताकि विक्रय हेतु किसी मूल्य सूत्र के
माध्यम से वस्तुओं के दामों का निर्धारण हो और समाज जन मुनाफाखोरी से बच सके।
ग्राहक सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए श्री सबनीस ने बढ़ती हुई ऑनलाइन खरीदी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की खरीदी में ग्राहक वस्तुओं का चयन ठीक से नहीं कर पाता है और अन्ततः नुकसान उठाता है। अपने आसपास के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से खरीदी करने पर ग्राहक और दुकानदार के बीच पारिवारिक रिश्ते मजबूत होते हैं। ऑनलाइन खरीदी में आए दिन धोखे देखने में आते हैं, आसपास के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से खरीदी करने पर यह जोखिम नही रहती। बड़ी-बड़ी कंपनियां पहले प्रलोभन देकर बाजार पर कब्जा करती हैं और बाद में मोनोपाली होने पर अपनी मनमानी पर उतर आती हैं जबकि छोटे स्थानीय दुकानदारों और उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर हमारे देश का एक बहुत बड़ा वर्ग स्वावलंबी बनता है एवं समाज आत्मनिर्भर होता है।
पत्रकार वार्ता में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह संगठन मंत्री मेहताब, काशी प्रांत के संगठन मंत्री प्रदीप कुमार चौरसिया, सह संगठन मंत्री अरविंद कुमार, वाराणसी ईकाई के अध्यक्ष डॉ एस.एस. पांडे एवं महामंत्री सी.ए. रजनीश विश्वकर्मा उपस्थित थे।
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