काशी| “अगर हम नहीं देश के काम आए, धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा” की धारणा लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने एक बार फिर बागडोर संभाला है| देश में कोई भी आपदा ने पाँव पसारा हो चाहे वह चीन जनित मानवीय आपदा कोरोना वायरस हो या फिर कोई प्राकृतिक आपदा सुनामी हो या बाढ़| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने डटकर इसका सामना किया है और यथा संभव राहत पहुचाकर संकटग्रस्त लोगों की पूरी सहायता की है| वाराणसी में इन दिनों चल रहे बाढ़ के भयंकर प्रकोप के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी के स्वयंसेवक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुँचाने में जुटे हुए हैं|
स्वयंसेवकों द्वारा संकटग्रस्त क्षेत्रों में जाकर राहत सामग्री का वितरण किया गया| काशी उत्तर प्रचार प्रमुख अमित गुप्ता ने बताया कि काशी उत्तर भाग के कोनिया,राजघाट, नक्कीघाट, शैलपुत्री, पुरानापुल से लगे इलाकों में स्वयंसेवक नाव के माध्यम से पानी के गैलन एक बार मे 25 से 30 की मात्रा में लेकर घर घर पहुँचा रहे हैं| जिन स्थानों पर नाव जाने में समस्या हो रही वहाँ स्वयंसेवक पानी में उतरकर घरों तक पीने का पानी पहुंचा रहें हैं| इस प्रकार पूरे दिन में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक स्वयंसेवक ये पानी की सेवा कर रहे है|
इसके साथ लाई, चना, नमकीन, बिस्किट, ब्रेड, मोमबत्ती, माचिस, मच्छर मारने की अगरबत्ती का किट बना कर 1000 से अधिक परिवारों में वितरण किया गया है| इस दौरान स्वयंसेवकों के सामने कई मार्मिक प्रसंग भी सामने आए| उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना और उसको दूर करने का प्रयास किया| काशी दक्षिण भाग के सामने घाट, अस्सी नाला, सीर गोवर्धन, रमना से सटे हुए इलाके में लोगों के घरों तक नौका के माध्यम से पहुंचकर स्वयंसेवकों ने राहत सामग्री उपलब्ध कराया|
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