-डॉ.
जयप्रकाश सिंह
भारत और चीन के मध्य पैदा हुए सीमा-गतिरोध के बीच ’रिमूव चाइना एप’ की लोकप्रियता भारतीयों की जनभावनाओं की दिशा और दशा के बारे में बहुत कुछ बताती हैं. हालांकि, इसकी बढ़ती लोकप्रियता के बीच गूगल प्ले स्टोर से इसका हटाया जाना भारतीय जनभावनाओं के साथ होने वाले तकनीकी खिलवाड़ की कहानी भी कहती है.
17 मई को लांच होने के दो सप्ताह के भीतर रिमूव
चाइना एप को 50 लाख से अधिक लोगों ने इसको डाउनलोड किया था.
यह एप किसी व्यक्ति के मोबाइल में कार्य कर रहे सभी चायनीज एप की पहचान करता है.
हालांकि उन एप्स को अनइंस्टाल करने का निर्णय मोबाइल उपयोगकर्ता पर ही निर्भर करता
है. यह आटोमैटिक रिमूविंग एप नहीं है.
यह एप 3.5 एमबी स्थान घेरता है. हालांकि इस एप की कुछ
सीमाएं भी हैं. यह चीनी मोबाइल फोन में पहले से ही इनबिल्ट एप्स की पहचान नहीं कर
पाता. यह केवल उन्हीं चीनी एप्स की पहचान करता है, जो बाद में
अन्य स्रोतों से मोबाइल में इस्टाल किए गए हों.
इस
एप का निर्माण जयपुर केन्द्रित वनटच एपलैब ने किया है. इसका निर्माण करने वाली
कम्पनी वनटचएपलैब्स का दावा है कि उसका मोबाइल और वेब एप्लीकेशन के निर्माण और
देखरेख का 8 से
अधिक वर्षों का अनुभव है. निर्माताओं के अनुसार इस एप का निर्माण शैक्षणिक
उद्देश्यों को लेकर किया गया है. यह उपयोगकर्ता को कुछ निश्चित एप्स के निर्माता
देश को पहचानने में मदद करता है. इसे 4.9 से
अधिक की रेटिंग मिली, जो
किसी भी नए एप के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. यह एप टिकटॉक, पबजी, यूसी
ब्राउजर जैसे कई चायनीज एप्स को अपने मोबाइल से हटाने का सुझाव देता है.
गूगल
प्ले स्टोर के फ्री एप्स की श्रेणी में यह एप शीर्ष स्थान पर पहुंच गया था, इसके बाद गूगल ने अपनी नीतियों को हवाला देते हुए इसे
प्ले स्टोर से हटा दिया था. इससे पहले गूगल प्ले स्टोर ने टिकटॉक के प्रतिद्वंदी
माने जाने वाले मित्रों एप को हटा दिया था. उस समय भी नीतियों का हवाला दिया गया
था.
श्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत
No comments:
Post a Comment