पाकिस्तान
के खैबर पख्तूनख्वा में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक मंदिर में तोड़ फोड़
करके आग लगा दी. खैबर पख्तूनख्वा के करक में यह घटना हुई.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कट्टरपंथी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम
पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में भीड़ ने मंदिर पर हमला
कर दिया. स्थानीय हिन्दुओं ने इस मंदिर की मरम्मत के लिए प्राधिकारियों से अनुमति
प्राप्त की थी, जिसके बाद यह हमला किया गया. इस
मामले में एक FIR दर्ज की
जा चुकी है, लेकिन किसी को भी मामले में गिरफ्तार
नहीं किया गया है.
पाकिस्तान के द डेली टाइम्स के अनुसार, जमीयत उलेमा-ए इस्लाम-फज़ल (JUI-F) द्वारा
एक रैली का आयोजन किया गया था, जो देश
में एक सुन्नी देवबंदी राजनीतिक पार्टी है. रैली में ताओं ने उग्र भाषण दिए, जिसके बाद भीड़ ने मंदिर पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़, आगजनी शुरु कर दी.
लाल चंद मल्ही ने “कुछ
असामाजिक तत्वों” द्वारा
मंदिर की बर्बरता की कड़ी निंदा की. मल्ही ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन से
मामले में FIR दर्ज
करने और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है.
करक शहर में हुई घटना ने पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री
शिरीन मजारी ने निंदा की. मजारी ने बुधवार को ट्विटर पर मंदिर को जलाने की निंदा
की और अधिकारियों से इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर हमले
को “एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना” बताया.
उन्होंने मामले पर पुलिस से जल्द रिपोर्ट मांगी है.
श्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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