''भारत के विरोधी
सोशल मीडिया का इस्तेमाल मनौवैज्ञानिक लड़ाई और धोखेबाजी के लिए कर रहे हैं। हमें
इसका फायदा अपनी ताकत बढ़ाने में करना चाहिए। आतंकवाद से लड़ने के लिए सोशल मीडिया
का इस्तेमाल किया जा सकता है।'' उक्तक विचार पूर्व उप थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल
(सेनि.) राज कादयान ने नई दिल्लीा स्थित भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी)
द्वारा सैन्य अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह
में व्यक्त किए। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक
(प्रशासन) श्री के. सतीश नंबूदिरीपाद, अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) श्रीमती ममता वर्मा एवं
पाठ्यक्रम निदेशक श्रीमती नवनीत कौर भी उपस्थित थीं।
श्री कादयान के अनुसार युद्ध के दौरान सूचनाओं का सही प्रयोग बेहद अहम है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं। अगर हमें इसका इस्तेमाल अपनी ताकत बढ़ाने के लिए करना है, तो हमें सोशल मीडिया से जुड़ना होगा। आज मीडिया देश की ताकत का महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन हमें इसका इस्तेमाल अनुशासन के दायरे में रहकर करना होगा। उन्हों ने कहा कि भारतीय रक्षा बलों का साहस, वीरता, प्रतिबद्धता और समर्पण अद्वितीय है। लेकिन देश में कुछ ऐसे तत्व हैं, जो भारतीय सेना की छवि को धूमिल करने के लिए चौबीस घंटे सक्रिय रहते हैं। हम सही मीडिया दृष्टिकोण अपनाकर और संगठित तरीके से विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके रक्षा बलों के खिलाफ ऐसे शातिर अभियानों का मुकाबला कर सकते हैं।
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमारे देश में सेना को हमेशा सम्मान और गर्व के भाव से देखा जाता है। इसलिए सभी सैन्य अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी संचार कुशलता से और संचार माध्यमों के सही प्रयोग से भारतीय सेना की उस छवि को बनाए रखें। उन्होेंने कहा कि आज फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है। ऐसे में मीडिया साक्षरता की आवश्यकता और बढ़ जाती है। कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम समन्वयक विष्णुप्रिया पांडेय ने किया।
गौरतलब है कि आईआईएमसी प्रतिवर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए
मीडिया एवं संचार से जुड़े शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेज का आयोजन करता है। इन
पाठ्यक्रमों में तीनों सेनाओं के कैप्टन लेवल से लेकर ब्रिगेडियर लेवल तक के
अधिकारी हिस्सा लेते हैं। कोरोना के कारण इस वर्ष यह ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन
आयोजित किया गया है। इस वर्ष लोक मीडिया से लेकर न्यू मीडिया एवं आधुनिक संचार
तकनीकों की जानकारी सैन्य अधिकारियों को प्रदान की गई है। इसके अलावा न्यू मीडिया
के दौर में किस तरह सेना एवं मीडिया के संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण
भी अधिकारियों को दिया गया है।
श्रोत - पांचजन्य
https://www.panchjanya.com/Encyc/2021/1/27/Correct-use-of-social-media-can-expose-anti-national-elements.html
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