मथुरा में नन्द बाबा मंदिर के अंदर नमाज पढ़ने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. सोशल मीडिया पर नमाज पढ़ने की तस्वीरें वायरल होने के बाद हिन्दू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
29 अक्तूबर को मथुरा के नंद बाबा मंदिर परिसर में चार लोग आए. इनमें से दो लोगों ने मंदिर के सेवादारों को गुमराह कर मंदिर परिसर में ही नमाज पढ़ी. दिल्ली की संस्था खुदाई खिदमतगार के सदस्य फैजल खान और मुहम्मद चांद गांधीवादी कार्यकर्ता निलेश गुप्ता और आलोक रत्न के साथ ब्रज चौरासी कोस की यात्रा कर 31 अक्तूबर की दोपहर नंदगांव पहुंचे. हिन्दू धर्म के प्रति आस्था जताने के साथ उन्होंने हिन्दू महापुरुषों पर चर्चा भी की, जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने का आग्रह किया. लेकिन दर्शन के नाम पर अनुमति मिलने के बाद मंदिर में नमाज अदा की और तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी डालीं. जिससे हिन्दू समाज में तीव्र रोष व्याप्त हो गया. दोपहर दो बजे जौहर की नमाज़ के वक्त वे नंदमहल मंदिर में थे. फैजल खान और मोहम्मद चांद ने वहीं नमाज अदा की. इससे पहले मंदिर में मौजूद लोगों ने उनको प्रसाद भेंट किया.
मंदिर के सेवादार कान्हा गोस्वामी ने कहा कि उन्होंने नमाज करने की कोई अनुमति नहीं दी थी. यात्री आए थे और उनकी बातचीत भी हुई थी, लेकिन नमाज अदा करने का मसला जानकारी में नहीं है.
मंदिर प्रबंधन ने हिन्दू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है. नमाज अदा करने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. हिन्दू संगठनों में आक्रोश है. एसएसपी गौरव ग्रोवर का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच खुफिया विभाग को भी सौंपी है. मंदिर में नमाज पढ़ने और उसकी फोटो, वीडियो वायरल करने के पीछे आखिर क्या मंशा थी, इसकी भी जांच की जा रही है. उत्तर प्रदेश के मंत्री श्रीकांत शर्मा और मोहसिन रजा ने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र कहा और इसकी गहन जांच का भरोसा दिया है.
वो इस्लामिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की जान लेने पर आमादा हैं. मजहब के लिए जिहाद और लव जिहाद चला रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम युवकों ने भाईचारा बढ़ाने का फरेब रचा और मथुरा के मंदिर परिसर में नमाज पढ़कर चले गए. अब इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. सवाल यह कि क्या कोई हिन्दू, मस्जिद में पूजा – पाठ कर सकता है?
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