रेनुकूट| अमृत महोत्सव का आयोजन देश भर में जोर-शोर से चल रहा है| स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर बढ़ने का सन्देश देने वाले अमृत महोत्सव में प्रत्येक गाँव एवं नगर में तिरंगा यात्रा निकाले जा रहे हैं| इसी क्रम में ओबरा नगर के अमृत महोत्सव आयोजन समिति द्वारा भव्य तिरंगा यात्रा निकाले गये| इस यात्रा के स्वागत में सभी मुख्य चौराहों पर माताओं-बहनो ने पुष्प वर्षा की। यात्रा का शुभारंभ आकाशवाणी मैदान से होते हुए आर्य समाज, सुभाष तिराहा, शारदा मंदिर, बिल्ली गांव, क्लब नंबर 4 स्टेडियम मार्ग, क्लब नंबर-1 से होते हुए गांधी मैदान पहुंची| भारत माता की आरती के साथ समापन हुआ। मुख्य वक्ता भोलेंद्र जी ने अपने उद्बोधन में स्वाधीनता के महत्व, स्वाधीनता के संघर्ष, आजाद हिंद फौज और देश के लिए बलिदान हुए लोगों के ऊपर प्रकाश डाला|
उन्होंने कहा
कि स्वाधीनता के संघर्ष में बहुत से लोगों के बलिदान को भुला दिया गया जिन्हें
हमें आज याद करने की आवश्यकता है| भोलेन्द्र जी ने आगे कहा कि देश को स्वाधीनता एक
समझौते के तहत प्राप्त हुई, जिसमें ब्रिटिश हुकूमत ने अपने सारे हित सुरक्षित रखें
और ऐसे नियम भारत संविधान में जोड़ कर गए कि अंग्रेजों का साथ देने वाले कभी कटघरे
में खड़े नहीं किए जा सके। उन्होंने काकोरी कांड की चर्चा की। गांधीजी के असहयोग
आंदोलन और अचानक उसे स्थगित करने की चर्चा करते हुए कहा कि देश की स्वधीनता में
सिर्फ गांधीजी और भारत छोड़ो आंदोलन के सेनानियों के साथ-साथ हर अंचल से असंख्य
लोगों का भी हमारी स्वाधीनता के संघर्ष में बहुमूल्य योगदान रहा है| उनका नाम समय
की रेत में दब गया है| आज हमें उन्हें याद करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में दीपेश दीक्षित, प्रमोद त्रिपाठी, आशीष जी, रामबाबू जी, सुशील मिश्रा, संजीत चौबे, संजय बैसवार, दारा शिकोह, सतीश पांडेय, धुरन्धर शर्मा, गीतांजली चौबे, सुनीता पांडेय, अज़ीम खान, मनोज, राजेश, पंकज और बड़ी
संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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