प्रतापगढ़| भारत ने कभी भी पराधीनता स्वीकार नहीं की| अनेक
विदेशी आक्रान्ताओं ने आक्रमण किये किन्तु भारत कभी उनके सामने घुटने नहीं टेकें|
हमने सभी विदेशी आक्रान्ताओं का प्रतिरोध किया और स्वाधीनता प्राप्त की| उक्त विचार अमृत महोत्सव
आयोजन समिति, प्रतापगढ़ द्वारा आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किया|
नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित कार्यक्रम का आरम्भ भारत माता पूजन से किया गया| कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्र भक्ति पर आधारित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए| इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतापगढ़ विभाग संघचालक रमेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अनेकों वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है| हम सभी को उनके प्रति श्रद्धावनत होकर इस अमृत महोत्सव में ज्ञात अज्ञात वीरों का स्मरण कर भारत को परम वैभव तक के शिखर तक पहुंचाने में अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए| डॉक्टर पीयूष कांत शर्मा ने कहा कि यह देश वीरों का देश है| अनेक आक्रांता आए किंतु भारत ने कभी भी पराधीनता स्वीकार नहीं की| हमने लगातार संघर्ष किया, जिसके फलस्वरूप स्वाधीनता प्राप्त की| उन्होंने प्रतापगढ़ के किसान आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि प्रतापगढ़ के किसान आंदोलन ने स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा देने का कार्य किया|
इसी क्रम में स्वाधीनता आंदोलन के प्रतापगढ़ जिले के
विभिन्न केंद्रों जिनमें गौरा, नमक सायर,रूरे, कहला आदि के संदर्भ में विस्तार से प्रकाश डाला| जिला कार्यवाह डॉक्टर सौरभ पांडेय ने अपने विचार
व्यक्त करते हुए कहा कि भारत कभी भी पूर्ण रूप से परतंत्र नहीं रहा है| हमने लगातार विदेशी आक्रांताओं का प्रतिरोध किया
है| स्वाधीनता
आंदोलन में अगणित योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत माता को परतंत्रता
की बेड़ियों से मुक्त कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है| देश की आजादी किसी एक व्यक्ति या एक परिवार की
देन नही है| स्वाधीनता संपूर्ण समाज की संगठित शक्ति के परिणाम स्वरूप प्राप्त हुई है|
उन्होंने आह्वान किया कि आने वाले 19 दिसंबर को हम सब वंदेमातरम के सामूहिक गायन के
लिए समाज को जागृत कर राष्ट्रभक्ति के भाव का संचार करें| अंत में भारत माता की आरती संपन्न हुई| इस अवसर पर प्रभाशंकर पाण्डेय, डॉ आर.के. सिंह, धीरेंद्र नारायण चड्ढा, अश्विनी केशरवानी, पुष्पांजलि शुक्ल, मुरलीधर केसरवानी, नितेश खंडेलवाल, शरद केसरवानी, अशोक शर्मा, गजराम मौर्य, ओम प्रकाश त्रिपाठी, कृष्ण कांत मिश्र, सावन, संदीप रावत, अश्वनी सोनी, दिनेश सिंह दिन्नू, तुषार खंडेलवाल आदि उपस्थित रहे| संयोजन संजीव कुमार आहूजा और संचालन शिशिर खरे
ने किया|
No comments:
Post a Comment