सोनभद्र। हमारे लिए
गौरवशाली, स्वाभिमानी भुलाये गये इतिहास की पुनर्स्थापना ही स्वतंत्रता का अमृत है।
‘स्व’ की तलाश और बलिदानियों के योगदान को प्रतिस्थापित कराना है। स्वदेशी, स्वाभिमान और स्वावलंबन की अवधारणा एक बार फिर स्थापित करनी है। भारत को पुनः
विश्व गुरु पद पर आसीन कराना है। राष्ट्र को परम वैभव तक पहुँचाने में हम घटक के
रूप में सहभागी बनें, इसकी आवश्यकता है। यह विचार काशी प्रान्त प्रचारक रमेश ने शुक्रवार को
जनपद मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज स्थित तहसील परिसर से ‘स्वतंत्रता का
अमृत महोत्सव’ अभियान के तृतीय चरण में तिरंगा यात्रा को रवाना करते हुए व्यक्त किया।
यात्रा के
दौरान भारतमाता की भव्य झांकी के साथ सैकड़ो की संख्या में बाइक सवार नागरिक तिरंगा
लिए नगर भ्रमण के लिए निकल पड़े। तिरंगा यात्रा सिविल लाइन रोड से होते हुए
स्वर्णजयंती चौक, पिपरी रोड, मुख्य चौराहा से होते हुए पन्नूगंज सड़क तक शहर में तिरंगा
यात्रा और भारत माता के जयकारे लगाते लोग दिखे।
महिला थाने के
पास से यात्रा पुनः कचहरी परिसर आई। यहाँ भारत माता की आरती और पूजन के पश्चात्
कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके पूर्व यात्रा में लोग ‘भारत माता की जय‘ और
‘वंदेमातरम’ के गगनभेदी नारे लगाते चल रहे थे। विभिन्न स्थानों पर भारत माता की
आरती उतारी गई। नगर में एक नई चेतना का संचार
स्पष्ट नजर आया।
इसमें अधिवक्ता, अध्यापक, व्यापारी, किसान, मजदूर समेत समाज के विभिन्न वर्गों के लोग सहभागी बनें। आयोजित तिरंगा यात्रा में प्रवेश, हर्ष अग्रवाल, नंदलाल जी, ब्रजेश सिंह, पंकज, आलोक, सत्या रमण, कीर्तन, योगेश, दयाशंकर, कृष्ण मुरारी गुप्ता, नीरज सिंह, हर्षवर्धन केसरवानी समेत सैकड़ो नागरिक उत्साह के साथ तिरंगा लिए हुए उदघोष के बीच भ्रमण किए।
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