म्योरपुर (दुद्धी)। स्वाधीनता के वास्तविक बलिदानियों को गुमनाम करके सिकंदर को महान बताया गया। हमारे प्रमुख स्थलों, चौराहों, मार्गों का नामकरण अपने बलिदानियों के नाम पर होना चाहिए| उक्त विचार दुद्धी जिले के म्योरपुर स्थित मां महामैत्रायणी योगिनी इंटर कालेज परिसर में अमृत महोत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अशोक सोनकर ने व्यक्त किया| इस दौरान विभिन्न जगहों से तिरंगा यात्रा निकाली गयी जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया|
प्रो. सोनकर ने आगे कहा कि हमारे मूल इतिहास के साथ
छेड़छाड़ की गई है। ऐसे अनेक लोग है जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया और अपने
प्राणों की आहुति दी किन्तु उनका नाम आज भी अज्ञात है, ऐसे नाम सामने लाने की आवश्यकता
है। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव का असली उद्देश्य यही है कि हम अपने आसपास के
बलिदानियों को याद करें। उन्होंने कहा कि आज सड़कों का नाम शेरशाह सूरी ग्रांड
टैंक रोड व औरंगजेब रोड है। हमें स्थानीय बलिदानीयों के नाम पर मार्गों का नाम
रखना चाहिए। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी उनके बारे में जानेगी और उनसे प्रेरित
होगी| उन्होंने कहा कि असल बलिदानों का नाम इतिहास में नहीं लिख गया है, जहां लिखा भी गया है, वहां
नाम मात्र की जगह दी गई है| बनवासी क्षेत्रों में अंग्रेजों के प्रवेश के बाद
बिरसा मुंडा ने आंदोलन के बल पर समाज और देश की रक्षा की, लेकिन
बिरसा मुंडा को कहीं इतिहास में जगह नहीं दी गई है। इससे पूर्व बीजपुर, बभनी, आश्रम मोड़, लिलासी आदि स्थानों
से तिरंगा यात्रा निकालकर लोग म्योरपुर स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचे। इसके बाद
विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में वीरेंद्रनारायण शुक्ला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक
पुनीतलाल, जिला संघचालक नंदलाल, वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत संगठन मंत्री
आनंद, अरुणोदय जौहरी, रामकुमार यादव, जिला प्रचारक इंद्रसेन, गगन, ब्लाक प्रमुख मान
सिंह गौड़, शेषनाथ तिवारी, रमाशंकर गुप्ता समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित
रहे।
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