पद्मश्री मोहम्मद शरीफ
पद्म सम्मान-2020 के लिए ऐसे नामों को चुना गया, जो निःस्वार्थ अपना कर्म करते थे। उनके कार्य मानव समाज के लिए प्रेरणादायक होते हैं। पद्म सम्मान-2020 में पद्मश्री के लिए मोहम्मद शरीफ का नाम जोड़ा गया। 80 वर्ष के शरीफ लावारिश शवों का अन्तिम संस्कार करते है। अब तक वे 5500 लावारिश शवों का अन्तिम संस्कार कर चुके हैं जिनमें लगभग 3000 हिन्दू और 2500 मुस्लिम शव हैं।
एक दर्दनाक हादसे ने उन्हें झकझोर दिया
मो0 शरीफ साइकिल मिस्त्री हुआ करते थे लेकिन एक दर्दनाक हादसे ने उन्हें झकझोर दिया। 27 वर्ष पूर्व दवा लेने निकला उनका बेटा रईस खान कई दिनों तक वापस नहीं आया। काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला। कुछ दिन बाद उसका शव रेल पटरी के किनारे मिला और तब से उन्होंने तय किया कि किसी भी लावारिस शव को उसके पंथ के अनुसार उसका अंतिम संस्कार वे करेंगे। अब इस काम के लिए उन्हें नगर निगम से प्रतिमाह 1500 रुपये मिलते हैं।
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