पद्मश्री डॉ. दयाप्रकाश सिन्हा
कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डॉ. दयाप्रकाश सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रह चुके है। डॉ. सिन्हा ने नाट्य विधा को एक नई दिशा दी है। उन्होंने ऐतिहासिक और राजनीतिक घटनाओं पर 15 नाटक लिखे हैं। उनके 'कथा एक कंस की', 'इतिहास', 'रक्त अभिषेक' जैसे नाटक बहुत ही चर्चित हुए हैं। 'इतिहास' नाटक में उन्होंने 1857 से 1947 तक में स्वतंत्रता के लिए हुए संघर्षों को बताया है।
'रक्त अभिषेक' में उन्होंने सेनापति पुष्यमित्र के माध्यम से हिंसा और अहिंसा पर बहस को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। इसमें उन्होंने हत्या और वध के अंतर को बताया है। किसी को व्यक्तिगत हित के लिए मारा जाए, उसे हत्या कहते हैं जबकि किसी को सामूहिक हित के लिए मारा जाए, उसे वध कहते हैं। डॉ. सिन्हा को 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' भी मिल चुकाहै। वे संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और 'भारत भवन', भोपाल के निदेशक भी रहे हैं।
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