- धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की तपोस्थली धर्म संघ में मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन
- देव विग्रह की स्थापना अथवा महायज्ञ के पूर्व प्रायश्चित करने का शास्त्रों में विधान वर्णित
विश्व भर में सनातन धर्म का पताका फहराने वाले धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज की तपोस्थली धर्म संघ में रविवार को मणि मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। दुर्गा कुंड स्थित धर्मसंघ में मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पहले दिन वैदिक ऋचाएं गूंजीं। इस महोत्सव में सम्मिलित होने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु काशी आ रहे हैं।
महोत्सव का शुभारंभ धर्म संघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ शिक्षा मंडल के प्रांगण में मणि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पहले दिन सर्वप्रथम यजमानों को संकल्प कराया गया तत्पश्चात उनका क्षौर कर्म किया गया। यजमानों ने ठाकुर जी का दूध, दही, घी, मधु, गोबर, गोमूत्र, भस्म आदि से दस विधि स्नान कराया। वैदिक आचार्य पं. लक्ष्मीकान्त दीक्षित के आचार्यत्व में शास्त्र सम्मत विधि से विस्तृत कर्मकाण्ड द्वारा प्रायश्चित विधान कराया गया। धर्मसंघ के पं० जगजीत पांडे ने बताया कि देव विग्रह की स्थापना अथवा महायज्ञ के पूर्व प्रायश्चित करने का शास्त्रों में विधान वर्णित है। तत्पश्चात षोडशोपचार विधि से विष्णु पूजन किया गया। प्रायश्चित विधि का समापन शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों द्वारा हवन कराकर किया गया।
सोमवार से आरंभ होने वाले अतिरूद्र महायज्ञ के लिए 33 कुंड बनाए गए हैं जिसमें 200 वैदिक भूदेव 25 लाख वेद मंत्रों से संपूर्ण परिसर को अभिसिंचित करेंगे। दोपहर 2 बजे अरणि मंथन से अग्नि प्रज्वलित कर यज्ञ कुंड में आहुतियां प्रारंभ हो जाएंगी।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन विविध आयोजन होंगे जिसमें सायंकाल 4:00 बजे से धर्म संघ में जगद्गुरु रामानंदाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज का प्रवचन और श्रद्धालुओं द्वारा संकीर्तन होगा।
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