पाकिस्तानी मीडिया ने कहा है कि सरकार और सेना को अब महसूस होने लगा है कि सईद जैसे हिंसक कट्टरपंथियों का पोषण खतरनाक है। अब समय आ गया है कि हाफिज सईद जैसे लोगों की गतिविधियां खत्म होनी चाहिए।
आतंकियों को धन मुहैया कराने के लिए हाफिज सईद को 11 वर्ष की सजा के एलान पर कई अखबारों ने खुशी जतायी है। लश्कर ए तैयबा का संस्थापक सईद 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी है। उसे लाहौर की आतंकवाद निरोधी अदालत ने बुधवार को सजा सुनाई है। सईद और उसके खास सहयोगी जफर इकबाल की सजा पर फैसला फ्रांस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से चार दिन पहले आया है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस फैसले को नजीर के रूप में पेश कर खुद को ग्रे लिस्ट से निकालने की मांग करेगा। आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराने वालों पर पाकिस्तान में कोई रोकटोक न होने के चलते ही उसे एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में डाला है। इसके चलते पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सहायता मिलने में कठिनाई आ रही है। पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के चलते ग्रे लिस्ट में होना उसके लिए और ज्यादा मुश्किल पैदा कर रहा है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने शुक्रवार के अपने संपादकीय में लिखा है कि सईद की सजा का एलान आतंकी ढांचें को ख़त्म करने की दिशा में बड़ा कदम है ।
No comments:
Post a Comment