नूर फातिमा के घर में बना भगवान शिव का मंदिर |
कबीर, रैदास और तुलसी की नगरी में शिव और अल्लाह की साथ-साथ आराधना की जाती है। शिव की नगरी काशी को गंगा जमुनी तहजीब का शहर कहा जाता है। आज चर्चा हो रही है डीरेका के गणेशपुर की रहने वाली नूर फातिमा की, जो नमाज के साथ ही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करना अपने जीवन का हिस्सा मानती हैं। नूर फातिमा हर दिन शिव के धाम में शीश नवाती हैं और प्रत्येक दिन वह अल्लाह को भी याद करती हैं।
फातिमा के अनुसार कण-कण में ईश्वर हैं
फैजाबाद (अयोध्या) जिले में जन्मीं नूर फातिमा ने बनारस में खुद के प्रयास से शिवमंदिर बनवाया है।महाशिवरात्रि पर्व भी उनके लिए बहुत महत्व रखता है। उनका मानना है कि काशी में शिव है तो कण-कण में ईश्वर है। नूर फातिमा के घर में मन्दिर काॅलोनी के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र है। नूर फातिमा व्यावसायिक रूप से अधिवक्ता हैं।
सपने में आते थे मंदिर
उन दिनों गुजरात के भुज में भूकंप आया था। वहां सब तबाह हो गया था। मेरे दिमाग में आया काशी शिव के त्रिशूल पर टिकी है यहां का विनाश नहीं हो सकता इसलिए पति से कहा हम यहीं घर बनवाकर रहेंगे। गणेशपुर कालोनी में जमीन ली और घर बनवाया। वर्ष 2003 में घर बन गया। उस वक्त मुझे सपने में अक्सर सफेद रंग का मंदिर दिखाई देता जहां मैं पूजा करती थी। मेरे मन में विचार आया कि गणेशपुर में शिव मंदिर बनाया जाए तो इस पर काॅलोनी वासियों ने भी सहमति जताई। ईश्वर की कृपा से दो बेटीयां हैं। एक इंजीनियर और दूसरी बड़ी कम्पनी में मैनेजर है।
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